कोच्चि, 15 जून (भाषा) कुवैत स्थित एनबीटीसी समूह के प्रबंध निदेशक के.जी. अब्राहम ने शनिवार को कहा कि उनकी कंपनी के कर्मचारियों की भीषण अग्निकांड में हुई मौत दुर्भाग्यपूर्ण है और कंपनी पीड़ितों के परिवारों का ध्यान रखेगी।
एक इमारत में आग लगने के कारण अब्राहम की कंपनी के कर्मचारियों की मौत हो गई थी। जिस इमारत में आग लगी, उसमें कंपनी की तरफ से कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था की गई थी।
इस हादसे में 46 भारतीयों समेत 50 लोगों की जान चली गयी थी। घटना के तीन दिन बाद यहां मीडिया को संबोधित करते हुए अब्राहम भावुक हो गए और उन्होंने कहा, “हमें बहुत खेद है”।
उन्होंने कहा, “हमें बहुत खेद है। हमें बहुत दुख है। मैं अपने घर में रो रहा था। मैं उनमें से अधिकतर लोगों को जानता हूं। हमारे साथ 27 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे लोग थे। जो हुआ वह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण था।”
अब्राहम ने कहा कि उनकी कंपनी के निदेशक और प्रबंधक इस समय मृतकों के प्रत्येक परिवार के सदस्य से मिल रहे हैं और अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं।
अब्राहम ने कहा, “यह हमारी ओर से कोई गलती नहीं थी, लेकिन फिर भी हम इसकी जिम्मेदारी लेंगे। वे हमारे साथ रह रहे थे और काम कर रहे थे। उन्होंने कंपनी बनाई। वे हमारा परिवार हैं।”
उन्होंने कहा कि मुआवजा वितरण की प्रक्रिया के लिए दूतावासों के साथ चर्चा चल रही है।
उन्होंने कहा, “हम जल्द ही मुआवजे के तौर पर प्रति मृतक के परिजनों को आठ लाख रुपये वितरित करेंगे और उन्हें कंपनी की बीमा राशि भी मिलेगी। हम परिवारों के बारे में चिंतित हैं और उनकी सहायता करेंगे तथा उन्हें नौकरी भी देंगे।”
अब्राहम ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि इमारत में क्षमता से अधिक लोग रह रहे थे। उन्होंने कहा कि लीज पर ली गई इमारत में तीन-तीन बेडरूम वाले 24 अपार्टमेंट थे और वहां केवल 160 कर्मचारी रहते थे।
उन्होंने कहा, “वहां की खबरों के अनुसार, यह घटना भूतल पर सुरक्षा गार्ड के कमरे में शॉर्ट-सर्किट के कारण हुई। जैसा कि कुछ लोगों ने दावा किया था, लेकिन कोई गैस विस्फोट नहीं हुआ था। इमारत में खाना नहीं बनाया जा रहा था।”
अब्राहम ने कहा कि इमारत इतनी पुरानी नहीं थी और इसके कर्मचारियों के लिए आवास और भोजन निःशुल्क था।
उन्होंने कहा कि चूंकि मौतें दुर्घटना के कारण हुईं, इसलिए पीड़ितों के परिवारों को चार साल के वेतन के बराबर बीमा राशि मिलेगी।
एनबीटीसी ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि वह कुवैत के मंगफ स्थित अपने एक आवासीय परिसर में हुई इस दुखद घटना से बहुत स्तब्ध और दुखी है।
कुवैत की जिस इमारत में 12 जून को आग लगी थी, उसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी। फिलहाल 40 लोगों का इलाज चल रहा है।
‘सेंट्रल त्रावणकोर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ की वेबसाइट के अनुसार, एनबीटीसी कुवैत का सबसे बड़ा निर्माण समूह है।
भाषा प्रशांत सुरेश
सुरेश
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