जलवायु कार्रवाई के रूप में यूरोप से अहम अनुसंधान निवेश की आवश्यकता: यादव

जलवायु कार्रवाई के रूप में यूरोप से अहम अनुसंधान निवेश की आवश्यकता: यादव

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  • Publish Date - September 14, 2021 / 08:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि विकासशील देशों में जलवायु कार्रवाई के हिस्से के रूप में ऊर्जा से कार्बन की मात्रा कम करने के लिए यूरोप की विकसित अर्थव्यवस्थाओं से अनुसंधान और विकास निवेश की जरूरत है।

यादव ‘भारत-यूरोप साझेदारी में सतत प्रौद्योगिकियों का भविष्य’ विषय पर एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन फिक्की लीड्स 2021 द्वारा किया गया था। इस मौके पर यादव ने कहा कि किसी भी जलवायु कार्रवाई में, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त स्वच्छ ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

उन्होंने कहा, ‘हमें दुनिया भर में नवाचार की शक्ति को एक साथ लाने की जरूरत है, खासकर यूरोप की विकसित अर्थव्यवस्थाओं से महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास निवेश के साथ। यह हमें ऊर्जा को कार्बनमुक्त बनाने के साथ ही सीमेंट और इस्पात की चुनौती को इस प्रकार हल करने में सक्षम बनाएगा जहां लागत कम हो और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से तैनाती की अनुमति देता हो।’’

यादव ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के साथ बढ़ती ऊर्जा मांग पर गौर करने के साथ ही ऊर्जा पहुंच के मुद्दों के हल के लिए इसी तरह की यात्रा से गुजरने वाले अन्य देशों के साथ अपने अनुभव के संदर्भ में पेशकश और साझा करने के लिए भारत के पास बहुत कुछ है।

उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि कम कार्बन वाली टिकाऊ अर्थव्यवस्था बनाने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है और उन्हें निम्न कार्बन वाले तरीकों की ओर बढ़ने के लिए स्वैच्छिक रोडमैप विकसित करने की खातिर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं भारतीय कंपनियों से विशेष रूप से इस्पात, सीमेंट, शिपिंग आदि क्षेत्रों में भारत और स्वीडन द्वारा की गयी वैश्विक पहल ‘लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन’ में शामिल होने का आग्रह करता हूं।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘ कॉर्पोरेट के कदम अपने जलवायु लक्ष्यों के लिए भारत की उपलब्धियों की रीढ़ रहेंगे तथा मैं भविष्य में और अधिक कंपनियों की सक्रिय भागीदारी देखने के लिए उत्सुक हूं।’’

यूरोपीय देशों के साथ सहयोग के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत और यूरोप प्रमुख आर्थिक साझीदार बने हुए हैं जो आने वाले वर्षों में अपने सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

भाषा अविनाश माधव

माधव