कोरोना वायरस की ‘फेलूदा’ जांच तकनीक में नीदरलैंड ने दिखाई रुचि

कोरोना वायरस की ‘फेलूदा’ जांच तकनीक में नीदरलैंड ने दिखाई रुचि

कोरोना वायरस की ‘फेलूदा’ जांच तकनीक में नीदरलैंड ने दिखाई रुचि
Modified Date: November 29, 2022 / 07:54 pm IST
Published Date: September 29, 2020 1:07 pm IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) नीदरलैंड ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा कोविड-19 की जांच के लिए विकसित की गई ‘फेलूदा’ तकनीक के प्रति रुचि दिखाई है।

सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर मांडे ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मांडे ने कहा कि नीदरलैंड अपनी कोरोना वायरस जांच क्षमता बढ़ाना चाहता है और इस संदर्भ में जानकारी के लिए सीएसआईआर से संपर्क किया गया है।

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मांडे ने पीटीआई-भाषा से कहा, “उन्होंने हमें पत्र लिखकर फेलूदा जांच के प्रति रुचि दिखाई है। हमने अपने वाणिज्यिक साझेदार टाटा समूह को अनुरोध प्रेषित कर दिया है।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 28 सितंबर तक नीदरलैंड में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,11,150 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और महामारी से 6,365 लोगों की मौत हो चुकी है।

मांडे ने कहा कि फेलूदा जांच तकनीक स्वदेशी है और वैश्विक स्तर पर इसका प्रयोग किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि फेलूदा जांच आर टी पीसीआर तकनीक से अधिक किफायती है।

सप्ताह की शुरुआत में भारत के औषधि महानियंत्रक ने ‘फेलूदा’ के व्यावसायिक उपयोग को मंजूरी दे दी थी।

इस तकनीक का नाम महान फिल्मकार सत्यजीत रे के जासूसी किरदार फेलूदा के नाम पर रखा गया है।

कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए इसे सीएसआईआर के जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों देबज्योति चक्रवर्ती और सौविक मैती द्वारा विकसित किया गया है।

भाषा यश नरेश

नरेश


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