न्यूज एंकर ने सीजेआई को पत्र लिखा, रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के लिए सुरक्षा की मांग की | News anchor writes to CJI, seeks security for Republic TV's editor-in-chief Arnab Goswami

न्यूज एंकर ने सीजेआई को पत्र लिखा, रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के लिए सुरक्षा की मांग की

न्यूज एंकर ने सीजेआई को पत्र लिखा, रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के लिए सुरक्षा की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : November 9, 2020/1:40 pm IST

नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) रिपब्लिक टीवी के एक न्यूज एंकर ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एस ए बोबडे को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि अर्नब गोस्वामी को तलोजा जेल में ‘‘खतरनाक’’ अपराधियों एवं ‘‘अंडरवर्ल्ड’’ के साथ रखे जाने के कदम का संज्ञान लिया जाए और उन्हें ‘‘सुरक्षा मुहैया कराई जाए।’’

रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी एवं अन्य को सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय ने एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के 2018 के एक मामले में अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया।

पत्रकार को पहले अलीबाग जेल के लिए कोविड-19 केंद्र के तौर पर निर्धारित एक स्थानीय स्कूल में रखा गया था और न्यायिक हिरासत में उन्हें कथित तौर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाए जाने के बाद रविवार को रायगढ़ के तलोजा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।

समाचार चैनल के सलाहकार संपादक प्रदीप भंडारी ने रविवार को सीजेआई को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि गोस्वामी को ‘‘गलत बहाने’’ से जेल में स्थानांतरित किया गया है और उन्हें तलोजा जेल में ‘‘खतरनाक’’ अपराधियों और ‘‘अंडरवर्ल्ड’’ के साथ रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि गोस्वामी ने कहा है कि ‘‘उनका जीवन खतरे में है और सुबह उनके साथ मारपीट की गयी है ’’ और सीजेआई से आग्रह किया कि मामले का संज्ञान लें और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं।

पत्र में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विचार व्यक्त करने के कारण गोस्वामी का ‘‘उत्पीड़न किया गया और मारपीट की गई।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘सुबह (रविवार को) मुझे पता चला कि महाराष्ट्र सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अर्नब गोस्वामी को मुंबई से तलोजा जेल फर्जी बहाने पर भेज रही है जहां खतरनाक अपराधी और अंडरवर्ल्ड के अपराधी रहते हैं।’’

पत्र में आरोप लगाया गया है कि गोस्वामी को रास्ते में अपने वकीलों या अन्य के साथ बातचीत करने की अनुमति नहीं दी गई और वह किसी तरह कुछ संवाददाताओं को अपने जीवन के खतरे के बारे में बता सके।

भाषा नीरज नीरज अनूप

अनूप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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