एनजीटी ने सीपीसीबी को सिंचाई में शोधित जल के इस्तेमाल का दिशानिर्देश लागू करने के निर्देश दिए
एनजीटी ने सीपीसीबी को सिंचाई में शोधित जल के इस्तेमाल का दिशानिर्देश लागू करने के निर्देश दिए
नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया है कि उद्योगों से निकले शोधित जल का इस्तेमाल सिंचाई एवं बागवानी में करने के इसके दिशानिर्देशों को लागू किया जाए।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने शीर्ष प्रदूषण निगरानी संस्था से कहा कि इसके 2019 के दिशानिर्देशों का पालन कराया जाए।
इसने गौर किया कि सीपीसीबी को दिए गए पहले के निर्देश सितंबर 2019 में जारी किए गए थे और वे सार्वजनिक किए जा चुके हैं। इसमें शोधित जल का इस्तेमाल सिंचाई में करने और इस तरह के शोधित जल को तय मानकों के अनुरूप होने के बारे में दिशानिर्देश जारी किए गए थे।
बहरहाल पीठ ने कहा, ‘‘मुद्दा केवल दिशानिर्देशों के पालन का है। सीपीसीबी मामले पर गौर कर सकता है और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ समन्वय कर कानून के मुताबिक कदम उठा सकता है।’’
एनजीटी ने 2019 के आदेश में कहा था कि कोई भी उद्योग सिंचाई, पौधारोपण या बागवानी के लिए जमीन की उपलब्धता और शोधित जल का कृषि, फसल, पौधों पर पड़ने वाले असर का आकलन किए बगैर इस तरह के जल को जमीन पर नहीं छोड़ सकता है।
एनजीटी ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया। याचिका में एएल-दुआ फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई करने औरएनजीटी के आदेशों को लागू कराने का अनुरोध किया गया था।
भाषा नीरज नीरज अनूप
अनूप

Facebook



