झारखंड में भाकपा (माओवादी) मामले में एनआईए ने 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया |

झारखंड में भाकपा (माओवादी) मामले में एनआईए ने 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

झारखंड में भाकपा (माओवादी) मामले में एनआईए ने 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : November 11, 2022/10:33 pm IST

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) झारखंड के लातेहार जिले में भाकपा (माओवादी) की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से संबंधित मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने शुक्रवार को 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, जिनमें से नौ आरोपी फरार हैं। एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी ।

झारखंड के लातेहार जिले के रूड गांव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के शिविर से गोला-बारूद मिलने के बाद शुरुआत में गारू पुलिस थाने में दो सितंबर, 2017 को मामला दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पिछले साल 19 अप्रैल को फिर से मामला दर्ज किया था।

संघीय जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘जांच से पता चला है कि सभी आरोपी, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के समर्थक और सदस्य हैं, जिन्होंने भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालने के इरादे से युद्ध छेड़ने के लिए आतंकी कृत्य करने और उसकी तैयारी करने की साजिश रची थी।’’

झारखंड की विशेष अदालत में जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनमें प्रभु साव उर्फ ‘‘प्रभु प्रसाद साव’’ तथा बलराम उरांव उर्फ ‘‘बलराम जी’’ शामिल है । उन्होंने बताया कि दोनों झारखंड के रहने वाले हैं और दोनों को मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है ।

प्रवक्ता ने बताया कि शेष आरोपी फरार हैं और उनकी पहचान छोटू खेरवार उर्फ ‘‘सुजीत खेरवार’’ उर्फ ‘‘छोटू जी’’ उर्फ ‘‘बिरजू सिंह’’, रविंदर गंझू उर्फ ‘‘मुकेश गंझू’’ उर्फ ‘‘रवींद्र जी’’ उर्फ ‘‘सुरेंद्र गंझू’’, नीरज सिंह खेरवार उर्फ ‘‘नीरज खेरवार’’ उर्फ ‘‘नीरज जी’’ उर्फ ‘‘संजय सिंह’, मृत्युंजय भुइयां उर्फ ‘‘फरेश भुइयां’’ उर्फ ‘‘अवधेश जी’’, प्रदीप सिंह खेरवार उर्फ ‘‘चेरो’’ उर्फ ‘‘बोधनाथ सिंह’’, मुनेश्वर गंझू उर्फ ‘‘मुंशी’, काजेश गंझू, अघनु गंझू और लाजिम अंसारी उर्फ ‘‘लाजिम मियां’’ के रूप में हुई है ।

एनआईए ने कहा कि आरोप पत्र में जिन आरोपियों के नाम शामिल हैं, वे आम जनता के मन में आतंक फैलाने के लिए हिंसा के कृत्यों की योजना बना रहे थे और साजिश को आगे बढ़ाने के लिए, उन्होंने हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री की खरीद की और आतंकवादी संगठन के लिए धन जुटाया।

प्रवक्ता ने बताया, ‘‘जांच में यह भी स्थापित हुआ है कि अरोपियों ने आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिये जबरदस्ती कई निर्दोष लोगों की भर्ती की तथा आतंकी गतिविधियों के लिये प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ये आरोपी सुरक्षा बलों तथा निर्दोष नागरिकों को पुलिस का मुखबिर बता कर उनकी हत्या करने के कृत्य में भी शामिल हैं।’’

भाषा रंजन रंजन दिलीप

दिलीप

 

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