वायनाड में भूस्खलन में 17 परिवारों का कोई सदस्य जीवित नहीं बचा : मुख्यमंत्री विजयन

वायनाड में भूस्खलन में 17 परिवारों का कोई सदस्य जीवित नहीं बचा : मुख्यमंत्री विजयन

वायनाड में भूस्खलन में 17 परिवारों का कोई सदस्य जीवित नहीं बचा : मुख्यमंत्री विजयन
Modified Date: August 21, 2024 / 11:16 am IST
Published Date: August 21, 2024 11:16 am IST

तिरुवनंतपुरम, 21 अगस्त (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि वायनाड में पिछले महीने भारी बारिश के बाद बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित इलाकों में रहने वाले 17 परिवारों का एक भी सदस्य जीवित नहीं बचा।

भूस्खलन प्रभावित इलाकों में 119 लोग अब भी लापता हैं और उनके 91 रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे गए हैं।

विजयन ने मंगलवार को कहा कि वायनाड जिले में भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और इसके तहत बैंकों ने 30 जुलाई के बाद पीड़ितों के खातों से काटी गई मासिक किस्त वापस करने और उनके मौजूदा ऋण का पुन:निर्धारण करने का निर्णय लिया है।

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विजयन ने कहा कि बैंक भूस्खलन प्रभावित लोगों द्वारा लिए गए ऋण को पूरी तरह माफ करने का सुझाव भी अपने निदेशक मंडल के समक्ष रखेंगे।

मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ये निर्णय सोमवार को यहां आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक में लिए गए।

विजयन ने कहा कि आपदा प्रभावित इलाकों में रहने वाले 17 परिवारों का कोई सदस्य जीवित नहीं बचा।

वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्र में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण दोनों क्षेत्र में 200 से अधिक लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गए।

विजयन ने कहा कि एसएलबीसी की बैठक में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से 30 जुलाई के बाद काटी गई मासिक किस्त को उनके बैंक खातों में वापस करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय उन लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए लिया गया, जिन्हें आपदा के बावजूद विभिन्न ऋण का पुनर्भुगतान करना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह भी फैसला किया गया कि कृषि और गैर-कृषि उद्देश्यों के वास्ते लिए गए मौजूदा ऋण का पुन:निर्धारण जल्द से जल्द किया जाएगा, तत्काल राहत के लिए 25,000 रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका भुगतान 30 महीनों में किया जा सकता है और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सभी वसूली प्रक्रियाओं को फिलहाल स्थगित कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया कि प्रभावित लोगों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता को उनके मौजूदा वित्तीय दायित्वों के पुन: भुगतान में परिवर्तित नहीं किया जाएगा तथा आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के बैंक खातों से संबंधित ’नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस’ के तहत आदेशों की समीक्षा की जाएगी, ताकि उन पर वित्तीय दबाव न पड़े।

इसके अतिरिक्त, एसएलबीसी ने बैंकों से नये ऋण की शर्तों को आसान बनाने तथा आपदा से प्रभावित लोगों को शीघ्र ऋण उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केरल में बैंकों का समर्थन उन दुर्भाग्यपूर्ण लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए आवश्यक है, जिन्होंने अपनी आजीविका खो दी है और जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’’

विजयन ने वायनाड में भूस्खलन पीड़ितों के खातों से बैंकों द्वारा ऋण की मासिक किस्त काटने पर सोमवार को सरकार की ओर से कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी और मांग की थी कि इन ऋण को पूरी तरह से माफ कर दिया जाए।

भूस्खलन से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए आवास की व्यवस्था करने और आपदा में मारे गए लोगों के निकटतम परिजन को छह-छह लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने के कदम भी उठाए गए हैं।

भाषा सिम्मी पारुल

पारुल


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