चुनाव सुधारों के विरूद्ध नहीं पर प्रक्रिया कानून के अनुसार हो : रास में विपक्षी सदस्यों ने कहा
चुनाव सुधारों के विरूद्ध नहीं पर प्रक्रिया कानून के अनुसार हो : रास में विपक्षी सदस्यों ने कहा
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने कहा कि वे चुनाव सुधारों के खिलाफ नहीं है किंतु इसकी प्रक्रिया कानून के अनुरूप होनी चाहिए तथा किसी भी पात्र व्यक्ति से मतदान का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने चुनाव सुधारों पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आजादी के लंबे संग्राम के बाद देश के लोगों को मतदान का अधिकार मिल पाया है। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर की चर्चा के माध्यम से देश में खौफ का माहौल बना हुआ है।
उन्होंने सरकार से पूछा कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उद्देश्य क्या मतदाता सूची की शुद्धि है या मतदाताओं को ही ‘साफ’ कर देना है? उन्होंने कहा कि यह देश को बताया जाना चाहिए कि एसआईआर कराये जाने के क्या कारण हैं?
सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग को चुनाव नहीं लड़ना है, राजनीतिक दलों का चुनाव लड़ना है। उन्होंने कहा कि संसद कानून बनाती है और निर्वाचन आयोग उनका पालन करता है।
आप सदस्य ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान नयी दिल्ली विधानसभा क्षेत्र सहित विभिन्न सीटों पर लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे जाने के बारे में उनकी पार्टी द्वारा शिकायत की थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
उन्होंने कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ईवीएम थी किंतु उन्होंने कागज के मतपत्रों के जरिये चुनाव शुरू करवा दिये।
सिंह ने सरकार को आगाह किया कि यदि कोई घुसपैठिया मिले तो उसे देश के भीतर ‘निरुद्ध केंद्र’ में रखकर उस पर देश के करदाताओं का पैसा खर्च नहीं किया जाए बल्कि उसे उसके देश भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि एसआईआर के दबाव में 35 बीएलओ (बूथ स्तर अधिकारी) अपनी जान गंवा चुके हैं।
चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने अपनी बात बांग्ला भाषा में रखी। उन्होंने कहा, ‘‘हम एसआरआर के खिलाफ नहीं हैं। यदि देश में रोहिंग्या घुसपैठिए हैं तो उन्हें निकाला जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि रोहिंग्या घुसपैठियों को रोकने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
तृणमूल सदस्य ने कहा कि वह मतदाता सूची के शुद्धिकरण के विरूद्ध नहीं हैं और उनकी आपत्ति इसकी प्रक्रिया के तरीके को लेकर है। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्ति को मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।
द्रमुक के एनआर इलांगो ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि चुनाव सुधार संविधान के प्रावधानों के तहत किए जाने चाहिए। उन्होंने चुनाव सुधार का यह लक्ष्य होना चाहिए कि चुनाव प्रक्रिया 100 प्रतिशत साफ-सुथरी रहे।
उन्होंने डाक मतपत्र को लेकर चुनाव संबंधी नियमों में सुधार करने की आवश्यकता जतायी।
भाषा माधव अविनाश
अविनाश

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