रास में विपक्षी सदस्यों ने कहा, चुनाव सुधारों के विरूद्ध नहीं लेकिन प्रक्रिया कानून के अनुरूप हो

रास में विपक्षी सदस्यों ने कहा, चुनाव सुधारों के विरूद्ध नहीं लेकिन प्रक्रिया कानून के अनुरूप हो

रास में विपक्षी सदस्यों ने कहा, चुनाव सुधारों के विरूद्ध नहीं लेकिन प्रक्रिया कानून के अनुरूप हो
Modified Date: December 11, 2025 / 07:27 pm IST
Published Date: December 11, 2025 7:27 pm IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (आप) सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने कहा कि वे चुनाव सुधारों के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसकी प्रक्रिया कानून के अनुरूप हो तथा किसी भी पात्र व्यक्ति से मतदान का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए।

आप के संजय सिंह ने चुनाव सुधारों पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आजादी के लंबे संग्राम के बाद देश के लोगों को मतदान का अधिकार मिल पाया है। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के कारण देश में खौफ का माहौल बना हुआ है।

उन्होंने सवाल किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उद्देश्य ‘‘मतदाता सूची की शुद्धि करना है या मतदाताओं को ही साफ कर देना है?’’ उन्होंने कहा कि यह देश को बताया जाना चाहिए कि एसआईआर कराये जाने के क्या कारण हैं?

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सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग को चुनाव नहीं लड़ना है, राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ना है। उन्होंने कहा कि संसद कानून बनाती है और निर्वाचन आयोग उनका पालन करता है।

आप सदस्य ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान नयी दिल्ली विधानसभा क्षेत्र सहित विभिन्न सीट पर लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाये जाने के बारे में उनकी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

उन्होंने कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ईवीएम उपलब्ध थी लेकिन उन्होंने मतपत्रों के जरिये चुनाव कराना शुरू किया।

सिंह ने सरकार को आगाह किया कि यदि कोई घुसपैठिया मिले तो उसे देश के भीतर ‘निरुद्ध केंद्र’ में रखकर उस पर देश के करदाताओं का पैसा खर्च नहीं किया जाए बल्कि उसे उसके देश भेजा जाना चाहिए।

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि एसआईआर के दबाव में 35 बीएलओ (बूथ स्तरीय अधिकारी) अपनी जान गंवा चुके हैं।

चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने अपनी बात बांग्ला भाषा में रखी। उन्होंने कहा, ‘‘हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं। यदि देश में रोहिंग्या घुसपैठिए हैं तो उन्हें निकाला जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं की घुसपैठ को रोकने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

तृणमूल सदस्य ने कहा कि वह मतदाता सूची के शुद्धिकरण के विरूद्ध नहीं हैं और उनकी आपत्ति इसकी प्रक्रिया के तरीके को लेकर है। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्ति को मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।

द्रमुक के एनआर इलांगो ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि चुनाव सुधार संविधान के प्रावधानों के तहत किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार का यह लक्ष्य होना चाहिए कि चुनाव प्रक्रिया 100 प्रतिशत साफ-सुथरी रहे।

उन्होंने डाक मतपत्र को लेकर चुनाव संबंधी नियमों में सुधार करने की आवश्यकता जतायी।

चर्चा में भाग लेते हुए वाईएसआर कांग्रेस के येरेम वेंकट सुब्बा रेड्डी ने 2024 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में गडबड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग को पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाने चाहिए।

बीजद के शुभाशीष खुंटिया ने कहा कि ओड़िशा में कई दुर्गम क्षेत्र हैं जहां एसआईआर की प्रक्रिया पूरी करने में काफी समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि बीएलओ भी दबाव का सामना कर रहे हैं और उन्हें सुविधाएं, पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जाने चाहिए।

अन्नाद्रमुक सदस्य एम थंबीदुरै ने कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।

चर्चा अधूरी रही और उच्च सदन की बैठक अपने निर्धारित समय से करीब दो घंटे पहले ही स्थगित कर दी गयी।

भाषा

माधव अविनाश अविनाश सुभाष

सुभाष


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