नोटा को इसकी शुरुआत के बाद से 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे कम मत प्रतिशत हासिल हुआ

नोटा को इसकी शुरुआत के बाद से 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे कम मत प्रतिशत हासिल हुआ

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  • Publish Date - February 14, 2025 / 03:19 PM IST,
    Updated On - February 14, 2025 / 03:19 PM IST

नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) विकल्प को 2013 में इसकी शुरुआत के बाद से बीते लोकसभा चुनाव में सबसे कम मत प्रतिशत हासिल हुआ।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।

नोटा का विकल्प पहली बार 2014 में लोकसभा चुनाव में लागू किया गया था।

आयोग की ‘एटलस-2024’ नामक पुस्तक के अनुसार, पिछले तीन लोकसभा चुनावों में नोटा मतों में धीरे-धीरे गिरावट आई है, जो 2014 में 1.08 प्रतिशत से घटकर 2024 में 0.99 प्रतिशत हो गई।

यह मत प्रतिशत भले ही छोटा लगता हो, लेकिन ‘नोटा’ को मिले मत उन सीटों में महत्वपूर्ण हो सकते हैं जहां जीत का अंतर काम होता है।

‘नोटा’ के मतों में सबसे अधिक हिस्सेदारी (प्रतिशत) बिहार में 2.07 प्रतिशत दर्ज की गई, इसके बाद दादरा और नगर हवेली और दमन एवं दीव में 2.06 प्रतिशत तथा गुजरात में 1.58 प्रतिशत दर्ज हुई।

इसके विपरीत, नगालैंड में नोटा मतों की सबसे कम हिस्सेदारी मात्र 0.21 प्रतिशत दर्ज की गई।

राज्यों में इस तरह के अलग-अलग रुझान राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, क्षेत्रीय दलों की प्रमुखता, मतदाता शिक्षा और प्रत्येक क्षेत्र के भीतर समग्र चुनावी परिदृश्य जैसे कारकों से प्रभावित हो सकते हैं।

भाषा हक हक नेत्रपाल

नेत्रपाल