Muslim Marriage Registration Bill : काजी, मौलाना नहीं अब राज्य सरकार करेगी निकाह का रजिस्ट्रेशन! मुस्लिम शादी को लेकर आ रहा नया कानून
Muslim Marriage Registration Bill : असम की कैबिनेट ने मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स रजिस्ट्रेशन बिल 2024 को मंजूरी दी।
Muslim Marriage Registration Bill
असम : Muslim Marriage Registration Bill असम की कैबिनेट ने मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स रजिस्ट्रेशन बिल 2024 को मंजूरी दे चुकी है। अब सरकार इसे विधानसभा में पेश करेगी। इस बिल से दो चीजें प्रमुख रूप से बदलेंगी। पहला मुस्लिमों की शादी का रजिस्ट्रेशन सरकार करेगी, काजी और मौलाना नहीं। दूसरा बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन को अवैध माना जाएगा। अब जानिए कि क्या कहता है पुराना कानून और नए बिल से क्या-क्या बदलाव होगा।
असम कैबिनेट ने एक ऐसे बिल को मंजूरी दी है और इस बिल का नाम है- असम विवाह और तलाक अनिवार्य सरकारी पंजीकरण बिल 2024। इस बिल के जरिये काजी और मौलाना अब मुस्लिमों की शादी रजिस्टर नहीं कर सकेंगे। साथ ही बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगाई जाएगी। इस बिल को मौजूदा बीजेपी सरकार विधानसभा सत्र में पेश करेगी। जो 22 अगस्त से शुरू हुआ है। इस बिल को राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। इसकी वकालत सीएम हिमंता बिस्वा सरमा कई बार कर चुके हैं।
राज्य सरकार ने मुस्लिम विवाह पंजीयन कानून 1935 को खत्म किया
बता दें कि इस साल की प्रारंभ में राज्य सरकार ने असम के मुस्लिम विवाह रजिस्ट्रेशन कानून 1935 को समाप्त किया था। पिछले महीने बिल लाकर इसे औपचारिक रूप से खत्म किया गया था। इस कानून के तहत महिला की उम्र 18 या पुरूष की उम्र 21 वर्ष से भी कम वालों के शादी का रजिस्ट्रेशन हो जाता था। नए बिल में प्रावधान है कि सब-रजिस्ट्रार ही अब मुस्लिम शादियों का रजिस्ट्रेशन करेंगे।
कैबिनेट से बिल को मंजूरी मिलने के बाद 21 अगस्त को मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि नए बिल से यह सुनिश्चित होगा कि समुदाय में होने वाले सभी शादियों का रजिस्ट्रेशन सरकार करेगी। उन्होंने कहा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, अब नाबालिगों की शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। हम बाल विवाह की कुप्रथा को खत्म करना चाहते हैं। इस कारण शादी का रजिस्ट्रेशन सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में होगा। सीएम ने कहा कि मुस्लिमों के शादियों की रस्मों पर कोई पाबंदी नहीं होगा, सिर्फ काजियों द्वारा रजिस्ट्रेशन करने पर रोक लगाई है।
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असम सरकार ने शुरू किया था बाल विवाह के खिलाफ अभियान
गौरतलब है कि असम सरकार ने पिछले वर्ष फरवरी में बाल विवाह के खिलाफ अभियान शुरू की थी। राज्य की पुलिस ने बाल विवाह रोकथाम कानून के तहत पिछले साल करीब 4 हजार लोगों को गिरफ्तार किया था। तब राज्य सरकार ने कहा था कि 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ शादी करने वालों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज होगा। पॉक्सो यानी यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण कानून है। वहीं नाबालिग लड़कियों के साथ शादी करने पर बाल विवाह कानून के तहत केस दर्ज किए जाने का भी आदेश था। कार्रवाई शुरू करने पर सीएम सरमा ने कहा था कि पिछले 7 सालों में जो भी बाल विवाह हुए हैं उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज करेगी। साथ ही यह भी कहा था कि इस कार्रवाई का लक्ष्य ऐसी शादी करवा रहे मुल्ला, काजियों और पुजारियों पर होगा।
सरकार आगामी दिनों में लव जिहाद के खिलाफ कानून लाएगी
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने 21 अगस्त को कहा कि सरकार आगामी दिनों में लव जिहाद के खिलाफ कानून लेकर आएगी और दोषियों को सजा दिलाएगी। लव जिहाद का इस्तेमाल अकसर हिंदू संगठन धर्म परिवर्तन के मामलों में करते हैं। हालांकि केंद्र सरकार संसद में जवाब दे चुकी है कि लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है। सरकार ने फरवरी 2020 में इस मसले पर जवाब देते हुए कहा कि संविधान सभी को कोई भी धर्म मानने की आजादी देता है। इस लव जिहाद का हवाला देकर कई राज्यों की सरकारें धर्म परिवर्तन के खिलाफ कठोर कानून बना चुकी है।
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