संघर्षग्रस्त मणिपुर के विभाजन के सख्त खिलाफ है एनपीपी: कॉनराड संगमा
संघर्षग्रस्त मणिपुर के विभाजन के सख्त खिलाफ है एनपीपी: कॉनराड संगमा
इंफाल, 10 अक्टूबर (भाषा) मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) कुकी समुदाय के लोगों के लिए अलग प्रशासन और जातीय संघर्ष से ग्रस्त मणिपुर के विभाजन के खिलाफ है।
संगमा अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मणिपुर आए हैं और उन्होंने सभी हितधारकों से संकट को सुलझाने के मकसद से बातचीत करने के लिए मेज पर आने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरी तरह से अलग प्रशासन या मणिपुर राज्य का पूर्ण विभाजन करना एनपीपी का रुख नहीं है। हम इसे लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं।’’
मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। कुकी समुदाय अपने लिए एक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सभी समुदायों से अपील करना चाहूंगा कि यह (जातीय संघर्ष) बहुत लंबा हो गया है। कई वर्षों से मणिपुर में समुदाय और निर्दोष लोग पीड़ित हैं। इसलिए सभी समुदायों और सभी नेताओं की ज़िम्मेदारी है कि वे मिलकर रास्ता निकालें।’’
उन्होंने कहा कि मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल होनी चाहिए।
संगमा ने कहा, ‘‘जब मैं चूड़ाचांदपुर और मोरेह के कुछ विस्थापित हुए लोगों समेत आईडीपी (आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों) के साथ चर्चा कर रहा था तो मैंने पाया कि उनमें यह इच्छा और भावना थी कि अगर हम कुछ क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करना चाहते हैं तो हमें उन क्षेत्रों में चर्चा शुरू करनी चाहिए। हालांकि एक समय में सभी स्थानों के लिए यह संभव नहीं हो सकता है।’’
संगमा ने कहा कि विस्थापित लोगों ने हथियारों और नशीले पदार्थों से संबंधित मुद्दे भी उठाए।
सीमा पर सुरक्षा बाड़ लगाने और मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) के मुद्दे पर एनपीपी प्रमुख ने केंद्र से स्थानीय लोगों को भी इसमें शामिल करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘नगा नागरिक समाज संगठनों ने सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को खत्म करने का मुद्दा उठाया है। हम इस बात पर पूरी तरह स्पष्ट हैं कि इसके लिए गहन सहयोग की आवश्यकता है। केंद्र सरकार नागरिकों और गैर-नागरिकों की उचित पहचान सुनिश्चित करना चाहती है लेकिन इसमें ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारक भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।’’
एफएमआर के तहत भारत-म्यांमा सीमा के समीप रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक आने-जाने की अनुमति थी।
भाषा यासिर माधव
माधव

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