नई दिल्ली। एक ओर असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू होने के बाद देशभर की राजनीति गर्मा गई है। संसद में दो दिन से इस मुद्दे पर हंगामा हो रहा है। इस बीच देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह एनआरसी लागू किए जाने की मांग उठने लगी है।
भाजपा नेताओं ने मांग की है कि पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली में भी एनआरसी लागू किया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने, दिल्ली के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने तो बिहार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने और महाराष्ट्र में भाजपा विधायक राज पुरोहित ने एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।
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इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि फिलहाल असम के एनआरसी पर ही चर्चा हो रही है। अगर भविष्य में देशभर में घुसपैठियों पर चर्चा होगी, तब उस वक्त इस पर बात करेंगे। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान नोटिस दिया है कि दिल्ली में भी असम जैसी एनआरसी की प्रक्रिया शुरू की जाए। वहीं पश्चिम बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा किकि पश्चिम बंगाल में अवैध प्रवासियों की ‘संख्या करोड़ों में हो सकती है। जबकि दिलीप घोष ने कहा, ‘हम राज्य में रह रहे अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजेंगे. हम बंगाल में कोई भी अवैध प्रवासी बर्दाश्त नहीं करेंगे’।
इसी तरह महाराष्ट्र में भाजपा विधायक राज पुरोहित ने कहा कि अगर असम में एनआरसी अमन में लाया जा सकता है तो ये मुंबई और पूरे देश में भी लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने मुंबई के कलेक्टर, अतिरिक्त गृह सचिव और प्रदेश निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर एनआरसी लागू कर मुंबई और कोलाबा में रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान करने कहा है।
वेब डेस्क, IBC24