एनएसयूआई ने इंदिरा गांधी और सशस्त्र बलों के सम्मान में देशव्यापी ‘शक्ति मार्च’ निकाला
एनएसयूआई ने इंदिरा गांधी और सशस्त्र बलों के सम्मान में देशव्यापी ‘शक्ति मार्च’ निकाला
नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टुडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व और भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को नमन करने के लिए पूरे देश में ‘शक्ति मार्च’ निकाला।
यह मार्च भारत और पाकिस्तान के बीच एक सप्ताह तक चले संघर्ष के बाद सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर बनी सहमति के दो दिन बाद आयोजित किया गया।
एनएसयूआई के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस आयोजन का उद्देश्य भारत के सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता प्रकट करना और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक नेतृत्व की मांग करना था।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में आयोजित इस मार्च में देश भर के छात्रों और युवाओं ने हिस्सा लिया।
चौधरी ने मार्च में शामिल प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत को आज श्रीमती इंदिरा गांधी के दृढ़ संकल्प और स्पष्टता वाले नेतृत्व की आवश्यकता है, जो विदेशी दबाव के खिलाफ दृढ़ रहीं और 1971 में पाकिस्तान को ऐतिहासिक जवाब दिया।’’
एनएसयूआई अध्यक्ष ने कहा,‘‘उन्होंने कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया। चूंकि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना जारी रखता है, इसलिए सरकार को मजबूती और निर्णायकता के साथ जवाब देना चाहिए।’’
चौधरी ने भारत की संप्रभुता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हमारे निर्णय राष्ट्रीय हित से निर्देशित होने चाहिए, किसी विदेशी शक्ति के प्रभाव या मध्यस्थता से नहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारी सीमाओं के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।’’
यहां जारी बयान में कहा गया कि ‘शक्ति मार्च’ के माध्यम से एनएसयूआई ने राष्ट्रीय एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और भारत की संप्रभुता के लिए पैदा होने वाले खतरों के खिलाफ इंदिरा गांधी के साहसिक नेतृत्व की विरासत को कायम रखने का संकल्प लिया।
भाषा धीरज रंजन
रंजन

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