नवीन पटनायक ने केंद्र से ओडिशा को पर्याप्त उर्वरक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया

नवीन पटनायक ने केंद्र से ओडिशा को पर्याप्त उर्वरक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया

नवीन पटनायक ने केंद्र से ओडिशा को पर्याप्त उर्वरक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया
Modified Date: August 30, 2025 / 06:12 pm IST
Published Date: August 30, 2025 6:12 pm IST

भुवनेश्वर, 30 अगस्त (भाषा) ओडिशा में उर्वरक की कथित कमी को लेकर किसानों में बढ़ते आक्रोश के बीच राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप करने की शनिवार को मांग की और चालू खरीफ सत्र के दौरान यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति किए जाने का अनुरोध किया।

पटनायक ने दक्षिणी ओडिशा के मलकानगिरि, गंजाम और नबरंगपुर जिलों में उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति की मांग को लेकर किसानों द्वारा सड़कों पर उतरने की खबरों के बाद यह अपील की है। मलकानगिरि में विरोध प्रदर्शन के कारण शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-326 पर यातायात बाधित हो गया।

बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री पटनायक ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे पी नड्डा को लिखे पत्र में उनसे अनुरोध किया कि वह ‘‘कृषक समुदाय के व्यापक हित में खरीफ के इस सत्र में ओडिशा को यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।’’

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बीजद प्रमुख ने कहा कि कृषि ओडिशा की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, जो इसकी 70 प्रतिशत से अधिक आबादी को आजीविका प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक में कृषि क्षेत्र में राज्य का विकास शानदार रहा है।

उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘चावल के आयातक से ओडिशा ने खुद को देश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में बदल दिया है।’’

पटनायक ने कहा कि ओडिशा चावल उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है और यह प्रौद्योगिकी के उपयोग और खाद एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति के कारण संभव हुआ है।

उन्होंने कहा कि उर्वरक कृषि उत्पादन के लिए बहुत आवश्यक हैं और खरीफ सीजन के दौरान फसलों के बढ़ने के लिए इसकी सुचारू आपूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा के किसानों को ‘‘इस चालू खरीफ सीजन के दौरान यूरिया प्राप्त करने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘खरीफ सीजन की शुरुआत में यूरिया की कम आपूर्ति, इसकी कालाबाजारी और मिलावट हमारे किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई जिलों में, खासकर आदिवासी जिलों में, यूरिया की अनुपलब्धता के कारण किसान आंदोलन कर रहे हैं। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो इससे कृषि गतिविधियों में गंभीर व्यवधान पैदा हो सकता है और इसका असर उत्पादन एवं किसानों की आजीविका पर भी पड़ेगा।’’

पटनायक ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार 7.94 लाख टन यूरिया होने का दावा करती है, लेकिन किसान इसे पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे ओडिशा में यूरिया सरकार द्वारा स्वीकृत दर से अधिक दाम पर अवैध रूप से बेचा जा रहा है। सरकार द्वारा नामित वितरण एजेंसी मार्कफेड किसानों के बजाय निजी व्यापारियों को सब्सिडी वाले उर्वरक की आपूर्ति कर रही है।’’

भाषा सिम्मी दिलीप

दिलीप


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