ओडिशा के मंत्रियों ने मलकानगिरी का दौरा किया, प्रशासन ने इंटरनेट प्रतिबंध 12 घंटे के लिए बढ़ाया

ओडिशा के मंत्रियों ने मलकानगिरी का दौरा किया, प्रशासन ने इंटरनेट प्रतिबंध 12 घंटे के लिए बढ़ाया

ओडिशा के मंत्रियों ने मलकानगिरी का दौरा किया, प्रशासन ने इंटरनेट प्रतिबंध 12 घंटे के लिए बढ़ाया
Modified Date: December 11, 2025 / 06:55 pm IST
Published Date: December 11, 2025 6:55 pm IST

मलकानगिरी/भुवनेश्वर, 11 दिसंबर (भाषा) ओडिशा के दो मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को हिंसा प्रभावित मलकानगिरी जिले का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की, जबकि प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को और 12 घंटे के लिए बढ़ा दिया है।

उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव और एमएसएमई मंत्री गोकुलानंद मलिक जिला मुख्यालय मलकानगिरी पहुंचे और एमवी-26 गांव में मौजूदा स्थिति पर जिलाधिकारी, एडीजीपी (नक्सल अभियान), डीआईजी (दक्षिणी रेंज), पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में उपमुख्यमंत्री को सूचित किया गया कि पिछले 60 घंटों में एमवी-26 गांव में हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई है।

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रविवार और सोमवार को हिंसा तब भड़की जब पड़ोसी राखेलगुडा गांव के आदिवासियों की भीड़ ने कथित तौर पर एमवी-26 गांव पर हमला कर दिया।

इस गांव में ज्यादातर लोग बांग्ला भाषी हैं।

आदिवासी चार दिसंबर को पोटेरू नदी के किनारे से एक आदिवासी महिला का सिर कटा शव मिलने से नाराज थे। उन्हें संदेह था कि एमवी-26 गांव के किसी व्यक्ति ने महिला की हत्या की है।

गृह विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर के अनुरोध पर मलिकानगिरी जिले में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध और 12 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है।

सिंह देव ने कलेक्टर कार्यालय में मलकानगिरी बंगाली समाज (एमबीएस) और जिला आदिवासी समाज महासंघ के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं। दोनों समूहों ने उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखीं और जिले में शांति बहाल करने में सहयोग करने पर सहमति जताई।

इस बीच, तनाव कुछ हद तक कम होने के बाद एमवी-26 के 300 से अधिक लोग अपने घरों को लौट आए हैं। प्रशासन ने इलाके में बीएसएफ और ओडिशा सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की है।

विपक्षी बीजद ने बृहस्पतिवार को पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक के निर्देशानुसार मलकानगिरी जिले में स्थिति का जायजा लेने के लिए एक तथ्य अन्वेषण दल का गठन किया।

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश


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