ओडिशा ने माओवादी नेता आजाद के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत स्थापित की
ओडिशा ने माओवादी नेता आजाद के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत स्थापित की
भुवनेश्वर, 11 दिसंबर (भाषा) ओडिशा सरकार ने माओवादी नेता डुन्ना केशव राव उर्फ आजाद (52) के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए एक विशेष अदालत स्थापित की है।
गृह विभाग ने बृहस्पतिवार को एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी।
आजाद 2011 से न्यायिक हिरासत में है।
अधिसूचना में कहा गया है, “… राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए ओडिशा उच्च न्यायालय से परामर्श के बाद डी. केशव राव के खिलाफ लंबित मामलों की जल्द सुनवाई के लिए गजपति जिले के न्यायिक क्षेत्राधिकार के तहत पारलाखेमुंडी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अदालत स्थापित की है। गजपति जिले में पहले से मौजूद अदालतों के अलावा, यह नयी अदालत ओडिशा राज्य के पूरे क्षेत्र में काम करेगी।”
हालांकि, विशेष अदालत फिलहाल पॉक्सो अधिनियम, 2012 के तहत पंजीकृत मामलों की सुनवाई नहीं करेगी।
राज्य में शायद पहली बार, जेल में बंद एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज लंबित मामलों को निपटाने के लिए एक विशेष अदालत बनाई गई है।
आजाद के खिलाफ ओडिशा और उसके गृह राज्य आंध्र प्रदेश में कम से कम 37 आपराधिक मामले लंबित हैं। वह 2008 में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या का मुख्य आरोपी है। सरस्वती की हत्या के बाद कंधमाल में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। लगभग एक महीने तक चली इस हिंसा में कम से कम 39 लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर जला दिए गए थे।
आजाद पर 2008 में नयागढ़ पुलिस शस्त्रागार पर हमले और 2006 में आर. उदयगिरि जेल पर हमले से संबंधित मामलों में भी आरोप हैं। नयागढ़ शस्त्रागार हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए थे, जिनमें 13 पुलिसकर्मी शामिल थे।
आजाद के खिलाफ कंधमाल जिले के तूमुडिबंधा थाने में भी हत्या का एक मामला दर्ज है।
हालांकि, आजाद को कम से कम दस मामलों में बरी किया जा चुका है।
आज़ाद ने अपने मामलों की त्वरित सुनवाई का अनुरोध करते हुए जेल में कई बार अनशन किया था। इस साल मार्च में, उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश की सरकारों को निर्देश दिया था कि वे आजाद के मामलों के जल्दी निपटारे के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने पर विचार करें।
आजाद माओवादी पार्टी की ओडिशा राज्य संगठन समिति (ओआरएसओसी) का सदस्य था, और उसने 18 मई 2011 को आंध्र प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। उसे एक जून 2011 को ओडिशा पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा

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