नई दिल्ली: OLD Pension Scheme in India छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब सहित देश के कई राज्यों की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना यानि Old Pension Scheme लागू कर दी है। इसके साथ ही अन्य राज्यों और केंद्र के कर्मचारी भी पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, ये भी उम्मीद की जा रही है मोदी सरकार जल्द ही पुरानी पेंशन योजना बहाल कर सकती है। लेकिन आज संसद के शीत सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने या न करने की स्थिति को साफ कर दिया है।
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OLD Pension Scheme in India वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने इस बारे में सांसद अससुद्दीन ओवैसी की तरफ से पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए उक्त जानकारी मुहैया कराई है। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने केंद्र सरकार व पीएफआरडीए को सूचित किया है कि उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू कर दिया है।
बत दें कि पंजाब सरकार ने भी 18 नवंबर, 2022 को एक अधिसूचना जारी कर दिया है कि राज्य सरकार के जो कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के तहत कवर किये जाते हैं उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम की सुविधा दी जाएगी। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव किया है कि एनपीएस के तहत उनके राज्य के कर्मचारियों से वसूली गई राशि को लौटा दे। पंजाब सरकार की तरफ से अभी इस तरह का प्रस्ताव नहीं आया है।
इस बारे में पीएफआरडीए की तरफ से बताया गया है कि पीएफारडीए कानून, 2013 और पीएफआरडीए नियमन, 2015 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि जो धन एक बार एनपीएस के मद में जमा कराया जाए उन्हें वापस किया जा सकता है या राज्यों को लौटाया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसके पास पुरानी पेंशन स्कीम को नये सिरे से लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्र सरकार का यह जवाब तब आया है जब हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जहां कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में मौजूदा नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने को चुनावी मुद्दा बनाएगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-दो की सरकार के कार्यकाल में ही नई पेंशन स्कीम को मजबूत किया गया था और तब की विपक्षी पार्टी भाजपा की मदद से पीएफआरडीए कानून में आवश्यक संशोधन किया गया था। पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली जीत का श्रेय इस घोषणा को भी दिया जाता है। पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। दूसरी तरफ नीति आयोग, आरबीआइ नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने पर अपनी ¨चता जता चुके हैं।