हिज्बुल प्रमुख के गांव बडगाम में उमर अब्दुल्ला का जोरदार स्वागत

हिज्बुल प्रमुख के गांव बडगाम में उमर अब्दुल्ला का जोरदार स्वागत

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  • Publish Date - May 18, 2024 / 09:23 PM IST,
    Updated On - May 18, 2024 / 09:23 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

(सुमीर कौल)

सोइबुग (जम्मू-कश्मीर), 18 मई (भाषा) लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के प्रचार के आखिरी दिन शनिवार को जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक समय आतंकवाद का केंद्र रहे मध्य कश्मीर के इस गांव में पहुंचे तो बड़ी संख्या में महिलाओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।

पाकिस्तान में रहने वाले, प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के सर्वोच्च कमांडर सैयद सलाहुद्दीन के पैतृक गांव में महिलाओं ने पारंपरिक ‘वानवुन’ (लोक गीत) गाकर बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उम्मीदवार अब्दुल्ला के प्रति स्नेह व्यक्त किया।

नेकां के उपाध्यक्ष का काफिला जब बडगाम जिले के गांव से गुजरा तो उत्साही समर्थकों ने उन पर टॉफियां और फूल बरसाए। बडगाम नेशनल कांफ्रेंस का पारंपरिक गढ़ रहा है।

लोगों से समर्थन मांगते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह मौजूदा आम चुनावों के समापन के कुछ समय बाद गांवों का दौरा करेंगे और उनसे बात करके उनके मुद्दे जानेंगे।

वह प्रचार के आखिरी दिन बीरवाह विधानसभा क्षेत्र में एक रोड शो कर रहे थे, जहां उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी।

बारामूला संसदीय क्षेत्र में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। इस चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान शनिवार शाम समाप्त हो गया।

अब्दुल्ला के अलावा, इस सीट पर 21 अन्य उम्मीदवार हैं, जिनमें पूर्व अलगाववादी एवं मंत्री सज्जाद लोन, तिहाड़ जेल में बंद पूर्व विधायक शेख अब्दुल रशीद उर्फ ‘इंजीनियर रशीद और पीडीपी के पूर्व राज्यसभा सदस्य फैयाज अहमद मीर शामिल हैं।

इस बार के चुनाव में सोइबुग गांव का माहौल साल 1990 के दशक की शुरुआत में घाटी में आतंकवाद और सलाहुद्दीन के उभार के बाद हुए चुनावों से बिल्कुल अलग है। अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बहिष्कार की राजनीति अब अतीत की बात हो गई है, लोगों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने पसंदीदा को चुनने के लिए बड़ी संख्या में चुनाव में भाग लेंगे।

वाहीपुरा में इंतेजार कर रहे अपने समर्थकों के लिए अब्दुल्ला अपनी कार से बाहर आकर जुलूस में शामिल हुए।

उन्होंने अपने दिन के अभियान की शुरुआत में लोगों से कहा, ‘मुसलमान किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हम धर्मनिरपेक्ष भारत में विश्वास करते हैं और पूरे देश में एकता चाहते हैं।’

अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस पार्टी अपने संस्थापक और उनके दादा शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की विरासत में विश्वास करती है, जिन्हें ‘शेर-ए-कश्मीर’ के नाम से जाना जाता है।

उन्होंने कहा, ‘हम शेर-ए-कश्मीर के हिंदू, मुस्लिम, सिख इतेहाद (एकता) के विचार में विश्वास करते हैं।’

भाषा जोहेब सुरेश

सुरेश