टीकों की कमी के आरोपों पर मंडाविया ने कहा, घबराहट पैदा करने के लिये निरर्थक बयान दिये जा रहे

टीकों की कमी के आरोपों पर मंडाविया ने कहा, घबराहट पैदा करने के लिये निरर्थक बयान दिये जा रहे

टीकों की कमी के आरोपों पर मंडाविया ने कहा, घबराहट पैदा करने के लिये निरर्थक बयान दिये जा रहे
Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 pm IST
Published Date: July 14, 2021 11:09 am IST

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कुछ राज्यों द्वारा कोविड-19 टीकों की कमी के बारे में शिकायत किये जाने के बीच बुधवार को कहा कि लोगों में दहशत पैदा करने के लिए ”फिजूल” बयान दिए जा रहे हैं और राज्यों को अच्छी तरह से पता है कि उन्हें कब और कितनी मात्रा में खुराक मिलेगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यों को खुराक के आवंटन के बारे में पहले ही सूचित कर चुका है।

मंडाविया ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि टीकों की उपलब्धता को ”तथ्यों के वास्तविक विश्लेषण” द्वारा बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।

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उन्होंने ट्वीट किया, ”टीके की उपलब्धता के संदर्भ में मुझे विभिन्न राज्य सरकारों और नेताओं के बयान एवं पत्रों से जानकारी मिली है। तथ्यों के वास्तविक विश्लेषण से इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। निरर्थक बयान सिर्फ लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं।”

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों के जरिए टीकाकरण हो सके, इसलिए जून महीने में 11.46 करोड़ टीके की खुराकें राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई गईं और जुलाई के महीने में इस उपलब्धता को बढ़ाकर 13.50 करोड़ किया गया है।

उन्होंने ट्वीट किया कि जुलाई में राज्यों में टीके की कितनी खुराकें उपलब्ध कराई जाएंगी, इसकी जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यों को 19 जून, 2021 को ही दे दी थी। इसके बाद 27 जून व 13 जुलाई को केंद्र की ओर से राज्यों को जुलाई के पहले व दूसरे पखवाड़े के लिए उन्हें हर दिन की टीके उपलब्धता की जानकारी बैच के हिसाब से एडवांस में ही दी गई।

मंडाविया ने लिखा, ”इसलिए राज्यों को यह अच्छी तरह से पता है कि उन्हें कब और कितनी मात्रा में टीके खुराक मिलेंगे। केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए किया है ताकि राज्य सरकारें जिला स्तर तक टीकाकरण का काम सही योजना बनाकर कर सकें और लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।”

उन्होंने ट्वीट किया, ”अगर केंद्र पहले से ही अपनी तरफ से ये जानकारियां एडवांस में दे रही है और इसके बावजूद भी हमें कुप्रबंधन और टीके लेने वालों की लंबी कतारें दिख रही हैं तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि समस्या क्या है और इसकी वजह कौन है।”

उन्होंने कथित रूप से मीडिया में भ्रम और चिंता पैदा करने वाले बयान देने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि क्या वे शासन प्रक्रिया और संबंधित सूचनाओं से इतने दूर हैं कि उन्हें टीके आपूर्ति के संबंध में पहले से दी जा रही जा रही सूचना की भी जानकारी नहीं है।।

राजस्थान, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों ने सोमवार को सबसे अधिक मामले सामने आए। इन राज्यों ने भी कोविड-19 टीकों की किल्लत मामला उठाया है।

भाषा जोहेब माधव

माधव


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