एलएसी मुद्दे पर सरकार ने कहा: अक्तूबर 2024 का समझौता तय प्रक्रिया और समयसीमा के अनुसार लागू किया गया

एलएसी मुद्दे पर सरकार ने कहा: अक्तूबर 2024 का समझौता तय प्रक्रिया और समयसीमा के अनुसार लागू किया गया

एलएसी मुद्दे पर सरकार ने कहा: अक्तूबर 2024 का समझौता तय प्रक्रिया और समयसीमा के अनुसार लागू किया गया
Modified Date: August 8, 2025 / 09:13 pm IST
Published Date: August 8, 2025 9:13 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त की व्यवस्था को लेकर 21 अक्तूबर 2024 को एक समझौता हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटीं तथा यह समझौता तय प्रक्रिया और समयसीमा के अनुसार अमल में लाया गया है।

विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों देश की सेनाओं के पीछे हटने को लेकर 21 अक्तूबर 2024 से पहले समझौते हुए थे, वे पूर्वी लद्दाख के संबंधित क्षेत्रों में अब भी लागू हैं।

उन्होंने बताया कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर विभिन्न स्तरों पर बातचीत हुई, जिनमें विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री स्तर की बातचीत भी शामिल है।

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विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या पिछले नौ महीनों से एलएसी पर भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटी हुई हैं, जबकि तनाव खत्म करने की प्रक्रिया अब भी लंबित है और क्या इसके लिए कोई नया खाका तैयार किया गया है।

इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ‘‘भारत और चीन के बीच 21 अक्तूबर 2024 को देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त की व्यवस्था को लेकर समझौता हुआ, जिसके तहत सेनाएं पीछे हटीं। यह समझौता तय प्रक्रिया और समयसीमा के अनुसार लागू किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि 2024 में सेनाओं के पीछे हटने के बाद, दोनों देशों ने सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के अलावा द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत करने के लिए कई बैठकें कीं, जिनमें भारत-चीन विशेष प्रतिनिधि वार्ता, कैलाश मानसरोवर यात्रा, सीधी हवाई संपर्क व्यवस्था, सीमा पार नदियां और राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित गतिविधियां शामिल रहीं।

विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष से प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश सचिव और उनके चीनी समकक्षों के बीच बैठकें हुई हैं।’’

भाषा सुरेश प्रशांत

प्रशांत


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