हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई
चंडीगढ़, 22 अगस्त (भाषा) हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन शुक्रवार को हंगामे के कारण कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा।
मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने मांग की कि कानून-व्यवस्था मुद्दे पर चर्चा के लिए उसके स्थगन प्रस्ताव पर तुरंत विचार किया जाए। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा।
विधानसभा द्वारा जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, 12 जून के अहमदाबाद विमान हादसे और 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों सहित कई अन्य दिवंगत व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने स्थगन प्रस्ताव दिए जाने का जिक्र किया।
अध्यक्ष को संबोधित करते हुए भुक्कल ने कहा, ‘हमने स्थगन प्रस्ताव दिया है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है और उन्होंने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक महत्व के मामले पर नियमों के तहत तत्काल सुनवाई की जा सकती है।
भुक्कल के समर्थन में कांग्रेस के अधिकतर विधायक खड़े हो गए और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ क्या हुआ क्या हुआ’ लिखे बैनर लहराते हुए नारेबाजी करने लगे।
कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के जवाब में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए।
कांग्रेस की ओर से जस्सी पेटवार, बलराम डांगी और विकास सहारण नारे लगाने वालों में शामिल थे। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नारेबाजी या बैनर प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया।
विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने विपक्षी विधायकों से कहा कि पहले प्रश्नकाल चलने दें क्योंकि कई सदस्यों के सवाल सूचीबद्ध हैं और सरकार को उन पर जवाब देना है लेकिन कांग्रेस विधायक अड़े रहे।
हंगामा जारी रहने के बीच कई कांग्रेस विधायक आसन के समीप आ गए।
संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक ‘पहले से तय इरादे’ के साथ आए हैं।
मुख्यमंत्री एवं सदन के नेता नायब सिंह सैनी ने भी कांग्रेस सदस्यों से कहा कि वे कानून-व्यवस्था का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान उठा सकते हैं, लेकिन हंगामा जारी रहा।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
कार्यवाही पुनः शुरू होने पर कांग्रेस विधायक अपनी मांग दोहराते रहे और बैनर लहराते रहे।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि ‘हम कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा को तैयार हैं।’ उन्होंने भिवानी में हाल ही में 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, ‘वह हमारी बेटी है।’
मनीषा पिछले हफ्ते सयानी गांव में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई थी। राज्य सरकार ने उसके परिवार की मांग पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।
सैनी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि ‘उनके समय तो प्राथमिकी तक दर्ज नहीं होती थी।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष से कहना चाहता हूं कि वे इस मुद्दे (मनीषा की मौत) पर राजनीति करना बंद करें।’’
सदन में लगातार हंगामे के बीच कार्यवाही दूसरी बार 20 मिनट और फिर कुछ देर बाद तीसरी बार 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
भाषा राखी अविनाश
अविनाश

Facebook



