युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करके ही हमारे समाज का उत्थान होगा : नायडू

युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करके ही हमारे समाज का उत्थान होगा : नायडू

युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करके ही हमारे समाज का उत्थान होगा : नायडू
Modified Date: November 29, 2022 / 08:43 pm IST
Published Date: December 29, 2020 12:31 pm IST

बेंगलुरु, 29 दिसंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि विज्ञान का अंतिम लक्ष्य लोगों के जीवन को आरामदायक और खुशहाल बनाना है तथा युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करके ही हमारे समाज का उत्थान होगा।

उन्होंने कहा कि विज्ञान किसी भी समाज का बुनियाद है क्योंकि यह अनेक प्रयोगों के जरिए प्रमाणिक तथ्यों के साथ असलियत को सामने रखना है। समाज के उत्थान और मानवता की भलाई के लिए वैज्ञानिक सोच को अपनाना जरूरी है।

नायडू ने कहा, ‘‘मैं हमेशा कहता रहा हूं कि विज्ञान का अंतिम उद्देश्य लोगों के जीवन को सुविधाजनक और खुशहाल बनाना है। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि खगोल विज्ञान से कई तरीके से समाज को फायदा हुआ है। खगोल विज्ञान के जरिए ही औद्योगिक, एयरोस्पेस, और ऊर्जा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का व्यापक स्तर पर लाभ मिला है। ’’

 ⁠

बेंगलुरु के निकट भारतीय नक्षत्रभौतिकी संस्थान (आईआईए) में उन्होंने कहा कि खगोल विज्ञान में अनुसंधान के कारण आज हमें एक्स-रे मशीनें, घड़ियों, सुपर कंप्यूटर, उपग्रह संचार, जीपीएस आदि का लाभ मिल रहा है ।

नायडू ने कहा कि खगोल विद्या की पढाई से धरती के अस्तित्व में आने और इसकी संरचना के बारे में भी हमें समझने में मदद मिलती है ।

उन्होंने कहा कि खगोल विज्ञान ने ना केवल इंसानों की समझ के दायरे को बढ़ाया है बल्कि ब्रह्मांड की विशालता के बारे में भी जानने का मौका मिला है ।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को उद्घाटन किए गए ‘पर्यावरणीय परीक्षण केंद्र’ से अंतरिक्ष के लिए कम वजन के उपग्रहों को भेजने के संबंध में मदद मिलेगी। विश्वविद्यालयों और उद्योगों को अंतरिक्ष के लिए छोटे उपग्रह तैयार करने में इससे आसानी होगी और यहां से सहायता मिल सकेगी।

भाषा आशीष माधव

माधव


लेखक के बारे में