यमुना बेसिन में 80 प्रतिशत से अधिक प्रदूषक उद्योगों में निगरानी प्रणाली लगाना बाकी:सीपीसीबी के आंकड़े

यमुना बेसिन में 80 प्रतिशत से अधिक प्रदूषक उद्योगों में निगरानी प्रणाली लगाना बाकी:सीपीसीबी के आंकड़े

यमुना बेसिन में 80 प्रतिशत से अधिक प्रदूषक उद्योगों में निगरानी प्रणाली लगाना बाकी:सीपीसीबी के आंकड़े
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: March 18, 2021 11:39 am IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) यमुना बेसिन में अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले 1,631 उद्योगों में सिर्फ 285 में ‘ऑनलाइन अपशिष्ट निगरानी प्रणाली’ (ओसीईएमएस) लगाई गई है। आधिकारिक आंकड़ों से यह पता चला है।

दरअसल, अपशिष्ट पदार्थ और वायु उत्सर्जन के नियमन के लिए इस प्रणाली को लगाया जाना अनिवार्य है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले 1,346 औद्योगिक इकाइयों में 661 हरियाणा में, 419 उत्तर प्रदेश में, 265 दिल्ली में और एक उत्तराखंड में संचालित हो रही हैं। इनमें ओसीईएमएस लगाया जाना और उन्हें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सर्वर से जोड़ा जाना बाकी है।

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प्रदूषण की निगरानी करने वाली शीर्ष संस्था (सीपीसीबी) ने इन राज्यों में प्राधिकारों से आईसीईएमएस लगाने और उन्हें बोर्ड के सर्वर से जोड़ने को कहा है, ताकि तीन महीनों के अंदर आंकड़े साझा हो सकें।

विद्युत, फार्मास्यूटिक्ल्स, उर्वरक, रिफाइनरी, चीनी, वस्त्र, चमड़ा शोधन और अन्य उद्योग वायु उत्सर्जन एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थों के जरिए भारी मात्रा में प्रदूषक उत्पन्न करते हैं।

गौरतलब है कि सीपीसीबी ने उद्योगों में 2015 से ओसीईएमएस लगाना अनिवार्य कर दिया है।

भाषा सुभाष उमा

उमा


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