रेस्तरां में भोजन करने पर पाबंदी से मालिक नाखुश, फैसले की समीक्षा करने की मांग |

रेस्तरां में भोजन करने पर पाबंदी से मालिक नाखुश, फैसले की समीक्षा करने की मांग

रेस्तरां में भोजन करने पर पाबंदी से मालिक नाखुश, फैसले की समीक्षा करने की मांग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : January 11, 2022/7:08 pm IST

नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) दिल्ली के रेस्तरां और बार मालिकों ने मंगलवार को डीडीएमए के उस निर्णय पर नाखुशी जताई जिसमें लोगों को बैठाकर भोजन कराने समेत अन्य सेवा पर रोक लगा दी गई है। मालिकों ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) से अपने फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया है।

मालिकों का कहना है कि ताजा फैसले के कारण कई कारोबारियों को दुकान बंद करनी पड़ सकती है, क्योंकि ग्राहकों के लिए सामान साथ ले जाने (टेकअवे) जैसी सेवा से किराये और कर्मचारियों के वेतन का खर्च नहीं निकल सकता। मालिकों ने कहा कि रेहड़ी पटरी पर चलने वाली खाने-पीने की दुकानें खुली हैं और मेट्रो सेवा एवं बसें पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं, ऐसे में रेस्तरां और बार को बंद करना ‘अन्याय’ है।

भारत के राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) के कोषाध्यक्ष मनप्रीत सिंह ने कहा कि पहले के लॉकडाउन के कारण लगे झटकों से रेस्तरां और बार अब तक नहीं उबर पाए हैं, ऐसे में नई पाबंदियां चीजों को और बिगाड़ देंगी। सिंह ने कहा, ‘‘पूर्व के लॉकडाउन के दौरान करीब 30 फीसदी रेस्तरां और बार बंद हो गए, नई पाबंदियां इस व्यवसाय को और पीछे धकेलने का काम करेंगी। इससे और अधिक संख्या में प्रतिष्ठान बंद होंगे। केवल घर ले जाने की सुविधा से रेस्तरां का दैनिक खर्च भी नहीं निकल सकता।’’

दक्षिणी दिल्ली में रेस्तरां और बार चलाने वाले रमन बजाज कहते हैं कि नई पाबंदियां पूरे उद्योग को ‘बर्बाद’ कर देंगी जिसका परिणाम बेरोजगारी होगा। बजाज के मुताबिक, राजधानी के अधिकांश रेस्तरां और बार कोविड संबंधी दिशानिर्देश और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हैं, मेहमानों के शरीर का ताप मापते हैं और बर्तनों को भी सेनेटाइज करते हैं, इसके बावजूद पाबंदी लगाई जा रही है।

नई दिल्ली ट्रेडर्स संघ के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि प्राधिकरण ने इस तरह का निर्णय लेने से पहले कोरोबारियों से संपर्क नहीं किया। भार्गव ने कहा, ‘‘हमें तगड़ा झटका लगा है, हमारा सारा पैसा केवल कारोबार को बनाए रखने में खर्च हो गया। हम कर, किराया और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय पर कर रहे हैं, लेकिन हमारे प्रतिष्ठान बंद किए जा रहे हैं।’’ भार्गव ने दावा किया कि सरकार और अधिकारी भीड़ नियंत्रित करने में विफल रहे हैं, जिसका खामियाजा रेस्तरां और अन्य व्यवसायों को भुगतना पड़ रहा है।

भार्गव ने कहा, ‘‘हम खुद को बचाते हुए सरकार का समर्थन करना चाहते हैं, लेकिन एक व्यावहारिक समाधान होना चाहिए। एक तरफ आप कह रहे हैं कि अस्पताल में मरीजों की संख्या कम है, लेकिन दूसरी तरफ आप रेस्तरां बंद कर रहे हैं। यह अन्याय है।’’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 19,166 मामले दर्ज किए गए और 17 कोविड मरीजों की मौत हो गई। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के संक्रमण की दर 25 प्रतिशत है, जो पिछले साल चार मई के बाद से सबसे अधिक है। महामारी के प्रसार को रोकने के लिए शहर में सम-विषम व्यवस्था, रात्रि कर्फ्यू और सप्ताहांत कर्फ्यू सहित कई प्रतिबंध लगाए गए हैं।

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश शाहिद

शाहिद

 

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