सिलबट्टे बनाकर बनी पुलिस उपनिरीक्षक-पद्मशीला तिरपुडे

सिलबट्टे बनाकर बनी पुलिस उपनिरीक्षक-पद्मशीला तिरपुडे

सिलबट्टे बनाकर बनी पुलिस उपनिरीक्षक-पद्मशीला तिरपुडे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: October 25, 2017 9:39 am IST

प्रतिभा की कोई परिभाषा नहीं होती और न ही प्रतिभा को बांधने का कोई बंधन होता है इस बात को प्रमाणित कर दिया है महाराष्ट्र के भंडारा जिले की पद्मशीला तिरपुडे ने जिसने अपने संघर्ष के दिनों में हार नहीं मानी और सारी महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हुई  और मज़दूरी कर पत्थर के सिलबट्टे बनाकर बेचने के साथ पढ़ाई जारी रखी और एक दिन  ये मेहनत रंग लायी है.एमपीएसी  महाराष्ट्र पोलिस की परीक्षाएँ और टेस्ट मे सफलता हासिल करने के बाद  आज पद्मशीला पुलिस उपनिरीक्षक हैं.कुछ दिन पहले पद्मशीला तिरपुडे को कोई भी नहीं जानता था लेकिन इन दिनों उसे जानने के लिए सभी उत्साही है। 

दस साल पहले भंडारा जिले के वाकेश्वर के पास के ही गांव के तुकाराम खोब्रागडे से प्रेम विवाह करने वाली पद्मशीला बताती है की शुरुवाती दिनों में दोनों पति पत्नी मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे थे जितना कमाते उतना दिन भर के जीवन यापन के लिए पर्याप्त था। लेकिन एक दिन उसके पति को  मजदूरी में मिले 50 रूपए कहीं खो गए और वो दिन इनके लिए बहुत दुःख भरे बीते उस दिन दोनों ने कुछ नहीं खाया रात भर सिर्फ ये ही सोचते रहे की कैसे ज़िंदगी चलेगी और फिर पति ने ये तय किया की कुछ भी हो वो अपनी पत्नी की  आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे। इस बीच सिलबट्टे और फल बेचते  पद्मशीला ने स्नातक पूरा किया और एमपीएसी का एग्जाम क्लियर करने के बाद  आज पुलिस उपनिरीक्षक हैं.पद्मशीला आज उन सभी महिलाओ के लिए प्रेरणा है जो थोड़ी सी विपरीत परिस्थिति  में हार माना लेती है। 

 

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