पहलगाम हमला: सिब्बल ने प्रधानमंत्री मोदी से संसद का विशेष सत्र आहूत करने का आग्रह किया

पहलगाम हमला: सिब्बल ने प्रधानमंत्री मोदी से संसद का विशेष सत्र आहूत करने का आग्रह किया

पहलगाम हमला: सिब्बल ने प्रधानमंत्री मोदी से संसद का विशेष सत्र आहूत करने का आग्रह किया
Modified Date: April 25, 2025 / 01:27 pm IST
Published Date: April 25, 2025 1:27 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाकर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने तथा दुनिया को यह संदेश देने का आग्रह किया कि देश एकजुट है।

सिब्बल ने सरकार को सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न महत्वपूर्ण देशों में भेजने का भी सुझाव दिया, ताकि पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाया जा सके।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुझाव दिया कि अमेरिका की तरह भारत को भी पाकिस्तान के साथ व्यापार करने वाले सभी प्रमुख देशों को यह बताना चाहिए कि यदि वे पाकिस्तान के साथ व्यापार करते हैं तो हमारे साथ काराबोर न करें।

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उन्होंने कहा, “1972 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने कहा था कि ‘हम भारत को हजार घाव देकर खून से लथपथ कर देंगे।”

सिब्बल ने कहा, “2001 में संसद पर आतंकी हमला हुआ, 2002 में कालूचक नरसंहार हुआ, 2005 में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हमला हुआ, जुलाई 2006 में मुंबई में ट्रेन में बम विस्फोट हुआ, 2008 में मुंबई में हमला हुआ, 2016 में पठानकोट एयरबेस हमला हुआ, 2016 में उरी आतंकी हमला हुआ और 2019 में पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट हुआ…., यह सिलसिला जारी है।”

राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य ने कहा, “ मैं इस संदर्भ में प्रधानमंत्री को सुझाव देना चाहता हूं कि वह संसद का विशेष सत्र बुलाएं और इस पर चर्चा कराएं। देश आपके साथ खड़ा है। विपक्ष आपके साथ है क्योंकि यह भारत की संप्रभुता पर हमला है।”

सिब्बल ने कहा कि संसद द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए ताकि दुनिया के सामने राष्ट्र की यह भावना व्यक्त की जा सके कि हर कोई सरकार के साथ खड़ा है, देश एकजुट है तथा इस तरह के कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

सिब्बल ने सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों को अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, रूस और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में भेजने का भी आह्वान किया, ताकि “राजनयिक दबाव” बनाया जा सके।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा


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