पहलगाम आतंकी हमला: कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने सुरक्षा चूक की निंदा की, केंद्र को जिम्मेदार ठहराया

पहलगाम आतंकी हमला: कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने सुरक्षा चूक की निंदा की, केंद्र को जिम्मेदार ठहराया

पहलगाम आतंकी हमला: कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने सुरक्षा चूक की निंदा की, केंद्र को जिम्मेदार ठहराया
Modified Date: April 28, 2025 / 09:36 pm IST
Published Date: April 28, 2025 9:36 pm IST

बेलगावी, 28 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के समय सुरक्षा व्यवस्था न होने की आलोचना की और कहा कि क्या यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तहत सुरक्षा एवं खुफिया तंत्र की ‘‘विफलता’’ नहीं है।

कांग्रेस नेता ने ‘‘युद्ध की कोई आवश्यकता नहीं’’ संबंधी अपनी कथित टिप्पणी की आलोचनाओं को खारिज करते हुए इसे ‘‘दुष्प्रचार’’ करार दिया तथा केंद्र सरकार को उसकी ‘‘विफलताओं’’ के लिए जवाबदेह ठहराया।

मुख्यमंत्री यहां ‘संविधान बचाओ और मूल्य वृद्धि विरोधी रैली’ को संबोधित कर रहे थे, जिसमें कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, कई कांग्रेस नेता और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्य शामिल हुए।

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उन्होंने कहा, ‘‘जब आतंकवादियों ने कर्नाटक के लोगों सहित कई लोगों की हत्या की, तो वहां एक भी पुलिसकर्मी नहीं था। वहां भारतीय सेना का एक भी जवान नहीं था। क्या यह सुरक्षा विफलता नहीं है? कुछ साल पहले पुलवामा में आतंकवादी घटना हुई थी। खुफिया विभाग और सुरक्षा बल क्या कर रहे थे?’’

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह किसकी विफलता है? क्या यह नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की विफलता नहीं है?’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की कोई जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रेस के लोगों ने मैसूर में मुझसे युद्ध की जरूरत के बारे में पूछा। मैंने जवाब दिया कि अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है। लेकिन अगर अपरिहार्य हुआ तो हमें देश की एकता और अखंडता के लिए तथा इसकी रक्षा के लिए युद्ध करना होगा – हम हमेशा युद्ध के लिए तैयार हैं।’’

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ने के बजाय… सभी को सुरक्षा देने के बजाय, विफलताओं को छिपाने के लिए, भाजपा मुझे निशाना बनाने की कोशिश कर रही है। कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी इस काम में मदद कर रही है। मैंने जो कहा वह कुछ और था और लोगों को जो दिखाया एवं पेश किया गया वह कुछ और था। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।’’

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव


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