Pahalgam Terror Attack Victims/ Image Source: ANI
Pahalgam Terror Attack Victims: सूरत, गुजरात। पहलगाम आतंकी हमले ने देशभर में आतंकियों के खिलाफ आक्रोश पैदा कर दिया है। हमले में जान गंवाने 26 बेगुनाहों के परिवारवाले बस एक ही बात कह रहे हैं कि, आतंकियों ने पुरुषों से कलमा पढ़ने को कहा, धर्म चेक करने के लिए पैंट तक खोली और गैर मुस्लिम होने पर गोली मारकर जान ले ली। इन्ही में से एक थे, सूरत शहर के वराछा इलाके के मूल निवासी शैलेश कलथिया। शैलेश के बेटे और पत्नी ने मीडिया के सामने उस भयावह मंजर की कहानी सुनाई है।
आतंकी ने हर व्यक्ति को ‘कलम’ कहा
शैलेश की पत्नी ने बताया कि, वो खाना खा रहे थे तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी और वो छिपने लगे, भागने लगे। लेकिन, पूरा इलाका सीमा से घिरा हुआ था, इसलिए छिपने की कोई जगह नहीं थी। इसी बीच अचानक एक आतंकवादी उनके सामने आ खड़ा हुआ। उसने हिंदुओं को एक तरफ और मुसलमानों को दूसरी तरफ जाने का आदेश दिया। जब आतंकवादी ने हर व्यक्ति को ‘कलम’ कहा, तो मुसलमानों ने ‘मुस्लिम’ कहकर जवाब दिया। फिर उसने हिंदू पुरुषों को अलग किया और उन सभी को गोली मार दी।
हमारे सामने 6-7 लोगों को गोली मारी
शैलेश की पत्नी ने बताया कि, उसके पास एक लंबी बंदूक थी, जिसके ऊपर एक कैमरा लगा हुआ था। गोली मारने के बाद वो वहीं खड़ा रहा और उसने जिन लोगों को गोली मारी थी, उनके मरने का इंतजार करता रहा। उसने हमारे सामने 6-7 लोगों को गोली मारी। उसने उन्हें इतनी नजदीक से गोली मारी कि वे लोग गोली लगने के बाद 2-3 मिनट से ज्यादा जिंदा नहीं बचे। मेरे पति का सिर मेरी गोद में था और मैं कुछ नहीं कर सकती थी।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
पत्नी ने कहा कि, मुझे आश्चर्य है कि वहां (बैसरन घास का मैदान) बहुत सारे पर्यटकों के बावजूद, एक भी सेना या पुलिस अधिकारी उस इलाके में मौजूद नहीं था। हमने कश्मीर में किसी भी हिंदू-मुस्लिम संघर्ष का अनुभव नहीं किया… वहां ऐसा कोई माहौल नहीं है। मुझे लगता है कि केवल पाकिस्तानी ही बात करते हैं हिंदू-मुस्लिम विभाजन के कारण संघर्ष पैदा हो रहे हैं…सरकार को ऐसे स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए या लोगों को ऐसे खतरे वाले क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए…वहां कुछ भी नहीं था, न अस्पताल, न सुरक्षा, न मदद…”
#WATCH | Surat, Gujarat | Shailesh Kalthia, a native of Varachha area of Surat city, was killed in the Pahalgam terror attack on 22 April.
His wife, Sheetal Kalthia, says, “… We ran to hide once we heard gunshots, but a boundary covered the whole area, so there was no place… pic.twitter.com/1K1Gj5MLvW
— ANI (@ANI) April 24, 2025