Parents Demanded Death: माँ-बाप ने लगाई अपने ही बेटे के लिए मौत की गुहार.. कहा, चाहते हैं इस दर्द से छुटकारा, सुको ने किया इंकार
Parents demanded death for their son माँ-बाप ने लगाई अपने ही बेटे के लिए मौत की गुहार.. कहा, चाहते हैं इस दर्द से छुटकारा, सुको ने किया इंकार
Parents demanded death for their son
Parents demanded death for their son : नई दिल्ली। क्या कोई माँ बाप अपने बच्चे के लिए मौत की मांग कर सकता हैं? वही माँ और पिता जो अपनी संतान को हलकी चोट भी लग जाए तो परेशां हो उठते हैं और अस्पताल की दौड़ लगाते हैं। लकिन एक हैरान कर देने वाले मामले में माता और पिता ने अपने ही बेटे के लिए मौत की गुहार लगाई हैं। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया है।
Ganesh Chaturthi Upay: गणेश चतुर्थी पर करें ये उपाय, जीवन में आ रही सारी बाधाएं हो जाएंगी दूर
दरअसल, एक माता-पिता ने अपने इकलौते बेटे के लिए इच्छामृत्यु (Euthanasia) की गुहार लगाई है। उनका बेटा 11 साल से निष्क्रिय अवस्था में है। डॉक्टरों के अनुसार उसके ठीक होने की संभावना बेहद कम है। उसके इलाज का खर्च बढ़ता जा रहा है। परिजनों ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उनके बेटे के राइल्स ट्यूब को हटाने की जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए। ट्यूब हटाने से उनके बेटे की निष्क्रिय इच्छामृत्यु हो जाएगी। इससे उसे पीड़ा से राहत मिलेगी।
What is a Ryles tube?
आखिर क्या है राइल्स ट्यूब?
Parents demanded death for their son राइल्स ट्यूब एक डिस्पोजेबल ट्यूब है। इसे नाक के माध्यम से पेट में डाला जाता है। इससे नासोगैस्ट्रिक ट्रैक्ट तक पहुंच मिलती है। इसका इस्तेमाल भोजन और दवा पेट तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।
माता पिता के इस मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “राइल्स ट्यूब हटाना निष्क्रिय इच्छामृत्यु का हिस्सा नहीं है। राइल्स ट्यूब हटाने से मरीज भूखा मर जाएगा।” कोर्ट ने सरकार से पूछा कि “कृपया पता लगाएं कि क्या कोई संस्था इस व्यक्ति की देखभाल कर सकती है”।
Parents demanded death for their son उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से कहा कि युवक को किस तरह लंबे समय तक सहायता मिले इसकी जांच करें। युवक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। वह मोहाली में एक पेइंग गेस्ट की चौथी मंजिल से गिर गया था। इससे उसके सिर में गंभीर चोट लगी। वह क्वाड्रिप्लेजिया (100% विकलांगता) से पीड़ित हो गया। उसके माता पिता (62 साल के अशोक राणा और 55 साल की निर्मला देवी) ने सीमित आय के बावजूद बेटे के इलाज के लिए लंबा संघर्ष किया।

Facebook



