लोकतांत्रिक देशों की संसदों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए : बिरला

लोकतांत्रिक देशों की संसदों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए : बिरला

लोकतांत्रिक देशों की संसदों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए : बिरला
Modified Date: May 27, 2025 / 07:43 pm IST
Published Date: May 27, 2025 7:43 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को आतंकवाद को मानव विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया और कहा कि इस वैश्विक चुनौती के खिलाफ सभी लोकतांत्रिक देशों की संसदों को एकजुट होकर काम करना चाहिए।

उन्होंने श्रीलंका की संसद के उपाध्यक्ष और श्रीलंका की संसद की समितियों के सभापति रिज्‍़वी सालेह के नेतृत्व में भारत यात्रा पर आए श्रीलंकाई संसदीय शिष्टमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान ये टिप्पणी की।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, बिरला ने कहा, ‘‘आतंकवाद, चाहे किसी भी रूप में हो, सभ्यता और मानव विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह किसी एक देश या एक क्षेत्र के लिए खतरा नहीं है, बल्कि पूरी मानवता के लिए बड़ी चुनौती है।’’

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उन्होंने उम्मीद जताई कि आतंकवाद के इस खतरे से लड़ने के लिए सभी देश एक साझा मोर्चे और रणनीति के साथ एक साथ खड़े होंगे।

बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि विश्व के लोकतांत्रिक देशों की संसदों को आतंकवाद के वैश्विक खतरे के विरुद्ध एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।

उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि भारत और श्रीलंका की मित्रता साझे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित है।

भारत की संसद के कामकाज में अपनाए जा रहे विभिन्न तकनीकी नवाचारों का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि भारतीय संसद डिजिटल और एआई आधारित तकनीकों के माध्यम से संसदीय प्रणाली में जन भागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा दे रही है।

भाषा हक हक दिलीप

दिलीप


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