पारसी संगठन ने अदालत से समुदाय के सदस्यों का अंतिम संस्कार परंपरागत रिवाज से करने की अनुमति मांगी

पारसी संगठन ने अदालत से समुदाय के सदस्यों का अंतिम संस्कार परंपरागत रिवाज से करने की अनुमति मांगी

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  • Publish Date - May 22, 2021 / 09:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

अहमदाबाद, 22 मई (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने पारसी पंचायत संगठन की याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों के साथ ही सूरत के स्थानीय अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। संगठन ने याचिका दायर कर कोविड-19 से मरने वाले समुदाय के सदस्यों का अंतिम संस्कार पारसी धर्म की परंपराओं के मुताबिक करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

न्यायमूर्ति निर्जर देसाई की अदालत ने शुक्रवार को प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 27 मई तक जवाब देने के लिए कहा है।

सूरत पारसी पंचायत बोर्ड ने अपनी याचिका में कोविड-19 से मरने वाले समुदाय के सदस्यों का अंतिम संस्कार ‘दोखमेनाशिनी’ परंपरा के मुताबिक करने के मौलिक अधिकार का संरक्षण करने की मांग की है।

याचिका में बताया गया कि दोखमेनाशिनी परंपरा में शव को ऊंचाई पर बनाए गए एक ढांचे पर रखा जाता है, जिसे गिद्ध खा जाते हैं और इसके अवशेष सूर्य की किरणों से अपघटित हो जाते हैं।

याचिका में कहा गया कि कोरोना वायरस से मरने वाले पारसी समुदाय के लोगों के शवों के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं होने के कारण अधिकारी मृतक के रिश्तेदारों को शव जलाने के लिए बाध्य कर रहे हैं।

वकील असीम पांड्या की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि अधिकारी समुदाय के लोगों को मृतक के शव को जलाने या दफन करने का विकल्प दे रहे हैं ‘‘जो उनके धार्मिक रीति-रिवाज एवं भावनाओं के खिलाफ’’ है।

भाषा नीरज नीरज दिलीप

दिलीप