उत्तराखंड में वनाग्नि में महिला की मौत, धामी ने जिलाधिकारियों को वनाग्नि की निगरानी करने के लिए कहा

उत्तराखंड में वनाग्नि में महिला की मौत, धामी ने जिलाधिकारियों को वनाग्नि की निगरानी करने के लिए कहा

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  • Publish Date - May 5, 2024 / 11:17 PM IST,
    Updated On - May 5, 2024 / 11:17 PM IST

देहरादून, पांच मई (भाषा) उत्तराखंड के पौड़ी जिले में वनाग्नि की चपेट में आकर एक महिला की मृत्यु हो गयी जबकि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में धधकते जंगलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह तक हर दिन वनाग्नि की निरंतर निगरानी करने के निर्देश जारी करने को कहा।

वहीं, जंगलों में आग लगाने के आरोप में चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पौड़ी के जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पौड़ी तहसील के थापली गांव में जंगल में लगी आग शनिवार को अपने खेत तक पहुंचती देखकर एक महिला वहां रखा घास का गट्ठर उठाने गयी थी और इसी दौरान वह आग की चपेट में आ गयी।

केंद्र ने बताया कि महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए रेफर किया गया जहां उपचार के दौरान रविवार तड़के उसकी मौत हो गयी। महिला की पहचान सावित्री देवी (65) के रूप में हुई है ।

इसी बीच मौसम केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि सात—आठ मई से बारिश की संभावना है जो 11 मई से और तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह वनाग्नि को बुझाने में मददगार होगी ।

मुख्यमंत्री ने फोन पर बातचीत करते हुए रतूड़ी से कहा कि वह जिलाधिकारियों को एक सप्ताह तक प्रतिदिन वनाग्नि की निरंतर निगरानी करने के निर्देश तत्काल जारी करें।

इसके साथ ही उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को सभी प्रकार के चारे को जलाने पर तत्काल प्रभाव से एक सप्ताह के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के आदेश देने को भी कहा ।

इसके अलावा, शहरी निकायों को भी अपने ठोस कूड़े को वनों में या उसके आसपास जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया है ।

मुख्यमंत्री के मुताबिक, उन्होंने प्रदेश में हो रही वनाग्नि की घटनाओं के बारे में शनिवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी जिसमें उन्होंने अधिकारियों को आपस में सामंजस्य स्थापित करते हुये एक ऐसा तंत्र बनाने को कहा है जिससे जल्दी से जल्दी इस पर काबू पाया जा सके ।

उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से भी वनों को बचाने के लिये अपना पूरा सहयोग देने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा, “वन संपदा हमारी धरोहर है जिसे हमें हर हाल में बचाना है।”

पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान की अगुवाई में अधिकारियों और कर्मचारियों की एक टीम ने वनाग्नि पर जल्द काबू पा लिया और उसे फैलने से रोक लिया ।

पौड़ी जिला मुख्यालय स्थित टेका मार्ग पर शनिवार देर रात जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही चौहान समेत अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और उसे बुझाने की कवायद में जुट गए। इसके बाद मौके पर पहुंचे अग्निशमन दल ने आग को पूरी तरह से बुझा दिया।

इस बीच, पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट वन रेंज में जंगलों में आग लगाने के आरोप में चार युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है ।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पीयूष सिंह, आयुष सिंह, राहुल सिंह और अंकित के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है ।

यहां वन विभाग द्वारा जारी वनाग्नि बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में प्रदेश के जंगलों में आग लगने की 24 घटनाएं सामने आयीं जिनसे 23.75 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ ।

पिछले साल एक नवंबर से अब तक प्रदेश में वनाग्नि की 910 घटनाएं हुईं हैं जिनसे करीब 1145 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है ।

देहरादून स्थित मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि सात मई से कुमांउ क्षेत्र में बारिश की संभावना है जबकि आठ तारीख से गढ़वाल क्षेत्र में भी वर्षा शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद 11 मई से बारिश की गतिविधि और बढ़ने की संभावना है और यह बारिश वनाग्नि बुझाने में मददगार होगी।

भाषा दीप्ति

संतोष

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