Patna HC had given jungleraj Word to Bihar government 25 years ago

Bihar Jungle Raj: बिहार में कैसे आया जंगलराज, किसने दिया था ये नाम, जानिए 25 साल पुरानी कहानी

Jungleraj again in Bihar: बिहार में फिर जंगलराज के रूप में भाजपा का प्रचार जोरों पर है। इस बीच जब हमने इसके नए तथ्यों को तलाशा तो पता ...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : August 18, 2022/9:26 pm IST

Bihar Jungle Raj: बिहार में फिर जंगलराज के रूप में भाजपा का प्रचार जोरों पर है। इस बीच जब हमने इसके नए तथ्यों को तलाशा तो पता चला कि जंगल राज शब्द दरअसल पटना हाईकोर्ट ने ईजाद किया था। बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार चल रही थी। लगातार पूरे प्रदेश में माफिया राज कर रहे थे। सरेआम लूट, चोरियां, बलात्कार, घोटाले, नागरिक असुरक्षा का माहौल था। तभी हाईकोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था, यह तो जंगलराज है। तभी से यह शब्द लालू के शासनकाल के माथे पर चिपक गया।

नीतीश का जाना, जंगलराज का आना

नीतीश का भाजपा का साथ छोड़कर राजद के साथ जाना ही जंगलराज की हवा है। भाजपा इसे बहुप्रचारित करके पेश कर रही है। इस दौरान प्रदेश में दर्जनों ऐसी घटनाएं भी बढ़ गई हैं, जिनमें लूट, फायरिंग, अपहरण के मामले पाए जा रहे हैं तो इस बात को और आधार मिल गया। इसी बुधवार को भी राजधानी पटना में अपराधियों ने एक 16 साल की युवती को सरेआम गोली मार दी।

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भ्रष्टाचार के मामलों से परे नहीं लालू

पटना हाईकोर्ट के मुताबिक जंगलराज के मुखिया लालू प्रसाद यादव थे। इस दौरान उन पर ही दर्जनभर से अधिक घोटाले के मामले हैं। वे कई मामलों में दोषी भी करार दिए जा चुके हैं। नरेंद्र मोदी की No Tolerance against corruption नीति के चलते लालू दोषी ठहराए जा चुके हैं। अब नीतीश के उनके साथ जाने से नीतीश की छवि पर भी उल्टा असर पड़ रहा है। 2005 में रेलमंत्री रहते हुए लालू ने भर्ती घोटाला कर डाला, जिस पर जांच चल रही है।

जब लूटा गया कार शोरूम

लोग साल 2002 को भी नहीं भूल पा रहे हैं, जब लालू यादव की बेटी की शादी के समय पटना में एक कार के शोरूम के सरेआम लूटा गया था। इस दौरान 50 से अधिक गाड़ियां राजद के कार्यकर्ताओं ने शोरूम से लूट ली थी।

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बिहार में लालू राज का मतलब क्राइम

लालू-राबड़ी सरकार और नीतीश के कार्यकाल की तुलना करें तो 2019 तक चौंकाने वाले आंकड़े आए।

फिरौती था एक उद्योग

2004 में ही बिहार में 2566 फिरौती की घटनाएं हुईं। जबकि 2005 में नीतीश की जीत से साल 2019 तक 14 सालों में लगभग 11 हजार फिरौती की घटनाएं हुईं। जबकि 2004 में फिरौती के लिए अपहरण की 411 घटनाओं के मुकाबले 2019 अकेले में सिर्फ 43 ही घटनाएं हुईं।

दुष्कर्म प्रदेश

एनसीआरबी के मुताबिक 2004 अकेले में ही बिहार में हत्या के 3861 केस हुए। जबकि 2019 में 3128 ही हुए। डकैती में 2019 में 391 केस आए जो 2004 से 69 फीसदी कम हैं। राजद के राज में बिहार बलात्कारियों का गढ़ था। 2004 में 1390 केस हुए थे जबकि 2019 में 730 हुए।

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