Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, अब नहीं घटाया जाएगा इस मद का पैसा

Pension Scheme: केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि एक बार तय की गई पेंशन या पारिवारिक पेंशन को घटाया नहीं जा सकेगा। जब तक कि उसमें कोई स्पष्ट लेखन या गणना संबंधी गलती न हो।

Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, अब नहीं घटाया जाएगा इस मद का पैसा
Modified Date: November 5, 2025 / 08:00 am IST
Published Date: November 5, 2025 8:00 am IST
HIGHLIGHTS
  • केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत
  • पेंशन या पारिवारिक पेंशन को घटाया नहीं जा सकेगा
  • नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश

Pension Scheme: केंद्र की मोदी सरकार ने देश के करोड़ों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि एक बार तय की गई पेंशन या पारिवारिक पेंशन को घटाया नहीं जा सकेगा। जब तक कि उसमें कोई स्पष्ट लेखन या गणना संबंधी गलती न हो। यह आदेश कर्मचारी, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा हाल ही में जारी किया गया है।

DoPPW की मंजूरी अनिवार्य

Pension Scheme: नई व्यवस्था के अनुसार, यदि किसी पेंशन या पारिवारिक पेंशन में कोई गलती दो साल से अधिक समय बाद पाई जाती है, तो उसे घटाने से पहले पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) से मंजूरी लेना जरूरी होगा। DoPPW के कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है- ‘एक बार जब पेंशन या पारिवारिक पेंशन को अंतिम रूप से अधिकृत कर दिया गया है या CCS (Pension) Rules, 2021 के नियम 66(1) के तहत संशोधित किया गया है, तो उसे पेंशनर के नुकसान में तब तक संशोधित नहीं किया जा सकता, जब तक कि कोई क्लेरिकल गलती न पाई जाए।’

विभाग ने यह भी कहा कि, ‘यदि ऐसी गलती पेंशन तय होने या संशोधित होने की तारीख से दो साल बाद पाई जाती है, तो DoPPW की सहमति के बिना पेंशन या पारिवारिक पेंशन में किसी प्रकार की कमी नहीं की जाएगी।’ यह कदम इसलिए खास है क्योंकि पहले कई बार रिटायर होने के कई साल बाद भी विभाग “त्रुटिपूर्ण गणना” का हवाला देकर पेंशन घटा देता था, या रिकवरी नोटिस भेज देता था। अब यह प्रथा बंद हो जाएगी।

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अगर गलती से ज्यादा पेंशन मिली तो क्या होगा?

DoPPW ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी पेंशनर को गलती से ज्यादा भुगतान कर दिया गया है और वह उसकी गलती या गलत जानकारी के कारण नहीं हुआ, तो संबंधित मंत्रालय को यह तय करना होगा कि वह राशि वापस ली जाए या माफ की जाए। इसके लिए मंत्रालय को एक्पेंडिचर डिपार्टमेंट से परामर्श करना होगा। यदि राशि वापस लेने का निर्णय किया जाता है, तो पेंशनर को दो महीने का नोटिस दिया जाएगा ताकि वह रकम लौटा सके। यदि पेंशनर ऐसा नहीं करता, तो राशि भविष्य की पेंशन किस्तों से किस्तों में वसूली जा सकती है।

ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है, ‘यदि पेंशन या पारिवारिक पेंशन के संशोधन के बाद यह पाया जाता है कि पेंशनर को अतिरिक्त भुगतान हो गया है, और यह किसी गलत जानकारी के कारण नहीं हुआ है, तो संबंधित मंत्रालय को व्यय विभाग से परामर्श कर यह निर्णय लेना होगा कि वसूली की जाए या माफ की जाए।’

नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश

इसके साथ ही पेंशन विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को इस आदेश का अनिवार्य रूप से पालन करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस आदेश को सभी शाखाओं और पेंशन सेक्शनों तक पहुंचाया जाए ताकि भविष्य में किसी भी पेंशनर को अनावश्यक असुविधा का सामना न करना पड़े।

जानें क्यों अहम है यह फैसला

गौरतलब है कि कई मामलों में यह नजर आता है कि कि रिटायरमेंट के सालों बाद भी विभाग ‘अधिक पेंशन दिए जाने की त्रुटि’ बताकर पेंशन घटा देता था या रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर देता था, जिससे बुजुर्ग पेंशनरों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब सरकार के इस नए आदेश के बाद केवल वास्तविक क्लेरिकल गलती पाए जाने पर ही पेंशन संशोधित की जा सकेगी। वह भी सीमित अवधि (दो साल) के भीतर। यह निर्णय न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि सरकारी पेंशन प्रणाली में भरोसा भी कायम करेगा।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com