ICMR Study Report: कोविड वैक्सीन लगाने वालों की अचानक हो रही मौत? देश की संसद तक पहुंची बात, ICMR की रिसर्च में हुआ खुलासा

People who got the Covid vaccine are dying suddenly

ICMR Study Report: कोविड वैक्सीन लगाने वालों की अचानक हो रही मौत? देश की संसद तक पहुंची बात, ICMR की रिसर्च में हुआ खुलासा
Modified Date: December 11, 2024 / 01:07 pm IST
Published Date: December 11, 2024 12:33 pm IST

नई दिल्लीः ICMR Study Report केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन ने निर्णायक रूप से प्रमाणित किया है कि कोविड टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा है, बल्कि इसके उलट इसकी आशंका कम हुई है। उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी। Covid Vaccine Death

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ICMR Study Report उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण पूर्व में अस्पताल में भर्ती होना, आकस्मिक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली संबंधी व्यवहारों के कारण अचानक मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। नड्डा ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने सूचित किया है कि पिछले वर्ष मई-अगस्त के दौरान 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा कि इस विश्लेषण में अचानक मृत्यु के कुल 729 मामलों और 2,916 ‘कंट्रोल’ शामिल किए गए। यह देखा गया कि कोविड-19 टीके की कोई भी खुराक लेने से अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु की आशंका कम हो गई। कोविड-19 टीके की दो खुराक लेने से ऐसी मृत्यु की आशंका काफी कम हो गई।

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स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित क्रमश: मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम और पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम की गोलियों के एक विशेष बैच को परीक्षण के दौरान ‘‘मानक गुणवत्ता रहित’’ पाया गया। पटेल ने कहा कि औषधि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दोनों ने ही ‘‘मानक गुणवत्ता रहित’’ (एनएसक्यू) स्टॉक वापस ले लिया है और उसकी जगह पर नया स्टॉक भेज दिया है। Covid Vaccine Death

जानिए आपके सवालों का जवाब

क्या कोविड-19 टीकाकरण से अचानक मृत्यु का खतरा बढ़ता है?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यसभा में बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा है, बल्कि इसकी आशंका कम हुई है।

कोविड-19 टीके से अचानक मृत्यु के जोखिम में कमी कैसे आई?

अध्ययन में यह पाया गया कि कोविड-19 टीका लेने से अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु की आशंका कम हो गई। दो खुराक लेने से यह आशंका और भी कम हो गई, जिससे यह साबित हुआ कि टीकाकरण सुरक्षा प्रदान करता है।

कोविड-19 टीकाकरण और अचानक मृत्यु के बीच क्या संबंध है?

ICMR के अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित किसी भी प्रकार का जोखिम अचानक मृत्यु से नहीं जुड़ा है। इसके विपरीत, टीकाकरण से मृत्यु का जोखिम कम हुआ है।

क्या मेट्रोनिडाजोल और पैरासिटामोल की गोलियाँ मानक गुणवत्ता की नहीं थीं?

स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम और पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम की गोलियाँ “मानक गुणवत्ता रहित” पाई गईं, जिन्हें वापस मंगवाकर नया स्टॉक भेजा गया है।

ICMR द्वारा किए गए अध्ययन में कितने मामले शामिल थे?

ICMR ने 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक अध्ययन किया, जिसमें 729 आकस्मिक मृत्यु के मामले और 2,916 ‘कंट्रोल’ मामलों को शामिल किया गया था।

 

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।