आयातित अपशिष्ट से प्रदूषण होने संबंधी याचिका: एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय को लगाई फटकार

आयातित अपशिष्ट से प्रदूषण होने संबंधी याचिका: एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय को लगाई फटकार

आयातित अपशिष्ट से प्रदूषण होने संबंधी याचिका: एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय को लगाई फटकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: September 13, 2020 12:20 pm IST

नयी दिल्ली, 13 सितम्बर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ईंट भट्ठों में आयातित सस्ते अपशिष्ट कागज और सड़क की सफाई से निकलने वाला अपशिष्ट जलाने से वायु प्रदूषण होने का आरोप लगाने वाली याचिका पर रिपोर्ट नहीं दाखिल को लेकर पर्यावरण और वन मंत्रालय को फटकार लगाई है।

अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्रालय को 14 अक्टूबर से पहले अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

अधिकरण ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित तंत्र का अभाव है, जिसमें आयातित सस्ते अपशिष्ट कागज और सड़क की सफाई से निकलने वाला अपशिष्ट भी शामिल है।

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पीठ ने कहा, ‘‘पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है और न ही कोई उपस्थित हुआ है। जैसा कि कई अहम मामलों में पहले भी होते देखा गया है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव मामले की अगली सुनवाई के दौरान मौजूद रह सकते हैं।’’

अधिकरण ने इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि देश में 50 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैले का निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग नहीं किया जाए।

अधिकरण अमित जैन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि सस्ते अपशिष्ट कागज और सड़क की सफाई से निकलने वाले अपशिष्ट का अमेरिका, यूरोप तथा अन्य स्थानों से ईंट भट्ठों में जलाने के लिये आयात किया जाता है, इससे भूमि एवं वायु प्रदूषण होता है।

भाषा देवेंद्र सुभाष

सुभाष


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