प्रयागराज, 15 अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सात दिसंबर, 2012 को जारी विज्ञापन के अनुरूप सहायक अध्यापकों के पद पर चयन प्रक्रिया शुरू करने का प्रदेश सरकार को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
इन याचिकाओं को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी ने 6400 याचिकाकर्ताओं में से प्रत्येक पर 100 रुपये हर्जाना भी लगाया।
अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार बनाम शिव कुमार पाठक (2018) के मामले में तय कानून के खिलाफ इन याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का रुख किया।
उच्चतम न्यायालय ने शिव कुमार पाठक के मामले में कहा था कि चूंकि 66,655 अध्यापकों की नियुक्ति उसके अंतरिम आदेश की वजह से की जा चुकी है, अदालत ने नया विज्ञापन जारी कर शेष रिक्त पदों को भरने की अनुमति दे दी है।
अध्यापक पात्रता परीक्षा (प्राथमिक स्तर)-2011 में शामिल इन याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय से सात दिसंबर, 2012 में जारी विज्ञापन की शर्तों पर चयन प्रक्रिया शुरू करने की अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी।
अदालत ने चार अप्रैल को दिए अपने निर्णय में कहा, “मौजूदा परिस्थितियों में ऐसा लगता है कि ये मुकदमे विलासिता वाले मुकदमे प्रतीत होते हैं क्योंकि इन याचिकाओं में उठाए गए मुद्दे पहले ही उच्चतम न्यायालय द्वारा शिव कुमार पाठक के मामले में हल किए जा चुके हैं।”
भाषा राजेंद्र संतोष
संतोष
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