पीएफआई हड़ताल में हिंसा: वसूली कार्यवाही पूरी करने में देरी को लेकर अदालत ने अप्रसन्नता जतायी |

पीएफआई हड़ताल में हिंसा: वसूली कार्यवाही पूरी करने में देरी को लेकर अदालत ने अप्रसन्नता जतायी

पीएफआई हड़ताल में हिंसा: वसूली कार्यवाही पूरी करने में देरी को लेकर अदालत ने अप्रसन्नता जतायी

:   Modified Date:  January 18, 2023 / 03:20 PM IST, Published Date : January 18, 2023/3:20 pm IST

कोच्चि, 18 जनवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा आहूत हड़ताल के दौरान हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के संबंध में वसूली की कार्यवाही पूरी करने में राज्य सरकार की ओर से विलंब पर बुधवार को अप्रसन्न्ता जतायी। पीएफआई को अब प्रतिबंधित कर दिया गया है।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को वसूली कार्यवाही पूरी करने और 23 जनवरी तक जिलेवार रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि वसूली की कार्यवाही करने से पहले नोटिस जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

अदालत ने देरी पर नाराजगी जतायी क्योंकि राज्य सरकार ने पिछले महीने वसूली प्रक्रिया 15 जनवरी तक पूरी करने का आश्वासन दिया था। अदालत ने पिछले साल दिसंबर में भी वसूली की कार्यवाही में देरी पर नाराजगी जतायी थी।

सरकार ने पिछले साल सात नवंबर को अदालत को बताया था कि सितंबर, 2022 में राज्यव्यापी हड़ताल के दौरान हुई हिंसा के दौरान संपत्ति को 86 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। सरकार ने यह भी कहा था कि हिंसा के दौरान आम लोगों को 16 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। उसने तब कहा था कि राज्य पुलिस ने कुल 361 मामले दर्ज किए हैं और 2,674 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने प्रतिबंधित पीएफआई और उसके पूर्व प्रदेश महासचिव अब्दुल सत्तार को हड़ताल से संबंधित हिंसा के संबंध में केएसआरटीसी और राज्य सरकार द्वारा अनुमानित क्षति के लिए गृह विभाग के पास 5.2 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था। अदालत ने साथ ही कहा था कि उन्हें इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

सत्तार जब संगठन का राज्य महासचिव था तब उसने पीएफआई कार्यालयों पर छापे और उसके नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया था और फिर कथित रूप से फरार हो गया था।

पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के कुछ घंटे बाद उसने एक बयान जारी कर कहा था कि गृह मंत्रालय के फैसले के मद्देनजर संगठन को भंग कर दिया गया है और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश

 

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