जनता को गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री ने फिर ‘विक्टिम कार्ड’ खेला: कांग्रेस

जनता को गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री ने फिर ‘विक्टिम कार्ड’ खेला: कांग्रेस

जनता को गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री ने फिर ‘विक्टिम कार्ड’ खेला: कांग्रेस
Modified Date: November 7, 2023 / 08:41 pm IST
Published Date: November 7, 2023 8:41 pm IST

नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विधानसभा चुनावों में जनता को गुमराह करने के लिए एक बार फिर से ‘विक्टिम कार्ड’ खेल रहे हैं।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मध्य प्रदेश की एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस पर तीखा प्रहार किए जाने के बाद उन पर पलटवार किया।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘निश्चित दिख रही हार से घबराकर प्रधानमंत्री ने एक बार फ़िर वही किया है जो वह ऐसे समय में करते हैं। उन्होंने लोगों को गुमराह करने के लिए फ़िर से विक्टिम कार्ड खेला है।’’

 ⁠

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप कांग्रेस और हमारे नेताओं के बारे में झूठ बोलना बंद कीजिए। हम आपकी थोड़ी कम सच्चाई बताएंगे।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उन्हें गाली देना कभी नहीं भूलती और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का भी विरोध किया।

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक चुनावी सभा में कहा, ‘‘कांग्रेस मुझे रोजाना गालियां देना कभी नहीं भूलती… उसने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के चुनाव का भी विरोध किया क्योंकि उसे केवल आदिवासियों के वोट बैंक में दिलचस्पी है, उनके कल्याण में नहीं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘पार्टी पहले से निमंत्रण मिलने के बावजूद देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुई।’’

जयराम रमेश ने एक अन्य पोस्ट में राहुल गांधी की पिछले दिनों किसानों से हुई मुलाकात का वीडियो साझा किया और कहा, ‘‘कांग्रेस को जब-जब मौका मिला है, हमने किसानों के लिए काम किया है। भाजपा ने उन्हें सिर्फ़ धोखा दिया है। भारत जोड़ो यात्रा को आगे बढ़ाते हुए जब राहुल गांधी को कांग्रेस और भाजपा शासित दो अलग-अलग राज्यों के किसानों से मिले तो उन लोगों ने उन्हें अपने दिल की बात बताई। सुनिए और फ़र्क महसूस कीजिए।’’

भाषा हक

हक पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में