PM Modi Old Speech: जब PM मोदी ने कहा था..'अख़बारों में नाम आने से नहीं बनते मंत्री, मत करना किसी के बातों पर भरोसा'.. खुद सुनियें.. | PM Modi Old Speech

PM Modi Old Speech: जब PM मोदी ने कहा था..’अख़बारों में नाम आने से नहीं बनते मंत्री, मत करना किसी के बातों पर भरोसा’.. खुद सुनियें..

गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार भी तीनो ही राज्यों मे जिन नामों को बड़े पदों के लिए आगे बढ़ाया है वह बेहद चौंकाने वाले रहे है। ऐसा इसलिए कि तीनों ही राज्य में जिन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया है वह कोई बड़े नेता नहीं है और न ही न्यूज या अख़बारों में उनके नाम शामिल थे।

Edited By :   Modified Date:  December 13, 2023 / 12:07 AM IST, Published Date : December 13, 2023/12:07 am IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने बीते दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में हिंदी पट्टी के तीन राज्य छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में बम्पर जीत हासिल की थी। वही तेलंगाना में कांग्रेस ने बाजी मारी थी। तेलंगाना में जहाँ कांग्रेस ने अपने सीएम के नाम का एलान और शपथ की औपचारिकता पूरी कर ली थी तो वही आज भाजपा ने भी अपने तीनों ही राज्यों में नए मुख्यमंत्रियों के नाम तय कर लिए। छत्तीसगढ़ में इस बार कमान आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को, मध्यप्रदेश में ओबीसी नेता मोहन यादव तो वही राजस्थान में ब्राम्हण नेता भजनलाल शर्मा को कमान सौंपी है। भाजपा ने इन तीनों नियुक्तियों में राज्यों के जातिगत समीकरण का खास ख्याल रखा है। यही वजह है कि पुरानी परम्परा से उलट इस बार भाजपा ने सभी राज्यों में उपमुख्यमंत्रियों के पद भी सृजित किये है।

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गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार भी तीनो ही राज्यों मे जिन नामों को बड़े पदों के लिए आगे बढ़ाया है वह बेहद चौंकाने वाले रहे है। ऐसा इसलिए कि तीनों ही राज्य में जिन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया है वह कोई बड़े नेता नहीं है और न ही न्यूज या अख़बारों में उनके नाम शामिल थे। सभी मुख्यमंत्री दावेदारों में भी शामिल नहीं थे बावजूद उन्होंने बड़े नामों को पीछे छोड़ते हासिल की। वही अब भाजपा के नेता दावा कर रहे है कि उनकी पार्टी में एक छोटा कार्यकर्ता भी बड़े पदों तक पहुँच सकता है। हालांकि इसकी पुष्टि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कर चुके थे। 2019 में अपने दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण के बाद सम्बोधन में उन्होंने सभी नेताओं के सामने साफ़ कर दिया था कि पदों के लिए सिफारिश या लॉबिंग का उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता। किसी को भी पद दिया जा सकता है। उन्होंने साफ़ किया था कि अख़बारों में नाम चलने से कोई मंत्री नहीं बन सकते।

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