Atal Bihari Vajpayee: आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि.. PM मोदी ने इस तरह किया अपने राजनीतिक गुरु को याद, पढ़ें Tweet
वाजपेयी राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए। आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण उन्हें भारतीय राजनीति का भीष्मपितामह भी कहा जाता है।
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary || Image- IBC24 News File
- पीएम मोदी ने वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की
- अटल जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे
- मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए गए
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: नई दिल्ली: आज पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने सियासी गुरु अटल बिहार वायपेयी को याद करते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया है। पीएम आज सुबह उनके स्मारक पर पहुँच और उन्हें पुष्पांजलि भी अर्पित किया।
पीएम मोदी ने लिखा, “सभी देशवासियों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन। राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनका समर्पण और सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करने वाला है।”
सभी देशवासियों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन। राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनका समर्पण और सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करने वाला है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2025
Atal Bihari Vajpayee के बारें में
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को एमपी के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे भारत के तीन बार के प्रधानमन्त्री थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 में और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री, दो बार राज्यसभा सदस्य तथा 10 बार लोकसभा सदस्य रहें। वे देश के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 2005 में ही सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।
वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा के लिए दस बार जबकि दो बार राज्य सभा में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के सांसद के तौर पर कार्य किया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए। आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण उन्हें भारतीय राजनीति का भीष्मपितामह भी कहा जाता है। उन्होंने 24 दलों के गठबन्धन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। 16 अगस्त 2018 को लम्बी बीमारी के बाद वाजपेयी का निधन हो गया। मरणोपरांत उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

Facebook



