(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि उन्हें लगता था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत “रूखे व्यक्ति” हैं, लेकिन उन्होंने राज्यसभा से उनकी विदाई के सिलसिले में दिए भाषण के दौरान आतंकवाद से संबंधित घटना को याद करते हुए करूणा भाव दिखाया।
कांग्रेस ने पार्टी छोड़ने के बाद आजाद पर आरोप लगाया था कि वह “मोदी-मय” हो गए हैं। कई नेताओं ने पिछले साल फरवरी में राज्यसभा में दिए मोदी के भाषण का हवाला देकर उनपर निशाना साधा था, जिसमें मोदी ने आजाद को ”सच्चा मित्र” बताते हुए उनकी तारीफ की थी। उस दौरान मोदी की आंखों से आंसू छलक आए थे।
मोदी ने साल 2007 में जम्मू-कश्मीर में गुजरात के लोगों को ले जा रही एक बस पर हुए आतंकवादी हमले के बाद आजाद से हुई बातचीत का जिक्र किया था। उस समय मोदी गुजरात जबकि आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे।
आजाद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी विदाई के मौके पर मोदी के भावुक भाषण को कुछ “जाहिल” कांग्रेसियों ने अलग ही रंग दे दिया।
उन्होंने कहा कि दोनों ने सदन में जो भावनाएं व्यक्ति कीं, वे एक दुर्घटना को लेकर थीं, न कि एक-दूसरे को लेकर।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो मोदी जी को रूखा आदमी समझता था। सोचता था कि उन्होंने शादी नहीं की और उनके बच्चे नहीं हैं तो उन्हें कोई परवाह नहीं है। लेकिन कम से कम उन्होंने इंसानियत तो दिखाई।’’
उन्होंने गुजरात के पर्यटकों की बस में हुए ग्रेनेड विस्फोट के बाद की दर्दनाक कहानी भी बयां की।
आजाद ने कहा, “जब गुजरात के मुख्यमंत्री ने मुझे फोन किया, तो मैं जोर-जोर से रो रहा था। उन्होंने मुझे रोते हुए सुना और उन्हें बताया गया कि मैं फिलहाल बात नहीं कर सकता।”
कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा, “जब मैंने मुख्यमंत्री से मृतकों और घायलों के लिए एक-एक विमान भेजने की बात कही, तो मैं फिर रोने लगा… वह (मोदी) मेरी उस हालत का जिक्र करते हुए भावुक हो गए थे।”
राज्यसभा में मोदी के आंसू छलकने को याद करते हुए आजाद ने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने दुखद घटना और अपनी प्रतिक्रिया के बारे में बात की, तो वह भी भावुक गए।
भाषा
जोहेब नरेश
नरेश