प्रधानमंत्री के फैसले अगली पीढ़ी की जरूरतों से प्रेरित, अगले चुनावों से नहीं: सुशील मोदी

प्रधानमंत्री के फैसले अगली पीढ़ी की जरूरतों से प्रेरित, अगले चुनावों से नहीं: सुशील मोदी

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  • Publish Date - February 1, 2024 / 09:39 PM IST,
    Updated On - February 1, 2024 / 09:39 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुशील कुमार मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले अगली पीढ़ी की जरूरतों से प्रेरित होते हैं, न कि अगले चुनावों से। उन्होंने कहा कि 2014 में उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के अर्थव्यवस्था ‘कुप्रबंधन” पर एक श्वेतपत्र ने निवेशकों को डरा दिया होता।

यहां पीटीआई-भाषा के मुख्यालय पर समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट 2014 के कठिन समय से भारत की यात्रा का वर्णन करता है, जब मुद्रास्फीति बहुत अधिक थी और देश को पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में देखा जाता था, से अब तक, जब यह सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि यह ध्यान में रखना होगा कि यह अंतरिम बजट है और इसमें नीतिगत घोषणाएं नहीं हो सकतीं।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सत्ता बरकरार रखने और चुनाव के बाद पूर्ण बजट पेश करने का भरोसा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2014 तक अर्थव्यवस्था के ‘कुप्रबंधन’ पर संसद में श्वेतपत्र लाने की घोषणा करने और अब इसकी प्रासंगिकता को लेकर एक सवाल पर मोदी ने कहा कि लोगों को वास्तविकता जाननी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के दस्तावेज से अब कोई खतरा नहीं होगा क्योंकि संकट से निपट लिया गया है।

सुशील मोदी ने कहा, “साल 2014 में एक नई सरकार बनी थी और एक श्वेतपत्र ने भारत के बारे में नकारात्मकता का संदेश भेजा होता, जो वैसे भी तब खराब छवि से पीड़ित था। इसका एफडीआई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता और विदेशी निवेशक भारत को लेकर सतर्क रुख अपनाते।”

उन्होंने कहा कि तब से भारत ने रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया है तथा सरकार ने कई सुधारों की शुरुआत की है और पर्यावरण अनुकूल वृद्धि के लिए जमीन तैयार की है।

भाजपा नेता ने कहा कि कुछ लोगों ने बजट में लोकलुभावन उपायों की उम्मीद की होगी, जबकि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कर उपायों सहित कई रियायतों की पेशकश की है तथा अब समेकन का समय है।

उन्होंने कहा, “नरेन्द्र मोदी आम तौर पर लोकलुभावनवाद में नहीं बल्कि संरचनात्मक सुधारों में विश्वास करते हैं। उनके फैसले अगली पीढ़ी की जरूरतों से प्रेरित होते हैं, न कि अगले चुनाव से। उनके पास देश के बारे में अगले 25 वर्षों का खाका है और वह उसी के अनुरूप काम करते हैं।”

सुशील मोदी ने कहा कि भारत में सुधार कभी आसान नहीं रहे क्योंकि इनका लाभ जल्दी नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव सरकार कई सुधारात्मक उपायों को लागू करने के बाद 1996 के लोकसभा चुनाव में हार गई, जिनका बाद में देश को फायदा हुआ।

उन्होंने दिवाला कानून और बैंकिंग क्षेत्र सहित कई सुधारों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की।

भाजपा ने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट गरीबों के लिए दो करोड़ नए घर बनाने का प्रस्ताव करके गरीबों के कल्याण पर जोर देते हुए 2047 तक विकसित भारत की नींव को मजबूत करता है और भविष्य की दिशा दिखाता है।

भाषा अनुराग नेत्रपाल

नेत्रपाल