पॉक्सो एक्ट संशोधन पर राष्ट्रपति की लगी मुहर
पॉक्सो एक्ट संशोधन पर राष्ट्रपति की लगी मुहर
आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा को मंजूरी दे दी है शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) में संशोधन कर आरोपी को फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी। जिसके बाद संशोधित पाक्सो एक्ट को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था। उसे आज राष्ट्रपति की मुहर लग गयी है।
पॉक्सो एक्ट में फांसी
आपको बता दें कि कानून में बदलाव के बाद 12 साल तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा होगी। नए कानून अनुसार नाबालिगों से दुष्कर्म के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की व्यवस्था की जाएगी।फॉरेंसिक जांच के जरिए सबूतों को जुटाने की व्यवस्था को और मजबूत करने की व्यवस्था भी की जाएगी।जिसके तहत दो महीने में ट्रायल पूरा करना होगा, अपील दायर होने पर 6 माह में निपटारा करना अनिवार्य होगा। और इसी के साथ यह भी प्रावधान है कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म के केस को कुल 10 महीने में खत्म करना होगा
अध्यादेश की मुख्य बातें
. दुष्कर्म के मामलों में न्यूनतम सात साल के सश्रम कारावास को बढ़ाकर 10 वर्ष किया, अधिकतम इसे आजीवन भी किया जा सकेगा।
. 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को न्यूनतम 20 साल की सजा।
. 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को मृत्युदंड।
. दो माह में पूरी करनी होगी दुष्कर्म कांड की जांच, दो माह में पूरा करना होगा ट्रायल।
. 16 साल से कम उम्र की लड़कियों से दुष्कर्म के आरोपी को नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत।
वेब टीम IBC24

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