कवयित्री और सामाजिक कार्यकर्ता सुगतकुमारी का निधन

कवयित्री और सामाजिक कार्यकर्ता सुगतकुमारी का निधन

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  • Publish Date - December 23, 2020 / 07:14 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:00 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 23 दिसंबर (भाषा) प्रख्यात मलयाली कवयित्री और महिला कार्यकर्ता सुगतकुमारी का बुधवार को यहां स्थित एक सरकारी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में निधन हो गया।

वह कोविड-19 से पीड़ित थीं और उनका इलाज चल रहा था।

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह 86 वर्ष की थीं तथा उनके परिवार में उनकी बेटी लक्ष्मी देवी हैं।

उम्र संबंधी बिमारियों के चलते हाल के दिनों में कवयित्री सार्वजनिक रूप से कम ही दिखती थीं।

सैकड़ों प्रशंसक उन्हें ‘सुगत टीचर’ के नाम से पुकारते थे।

सुगतकुमारी की जांच में 21 दिसंबर को संक्रमण की पुष्टि हुई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था।

हालांकि पहले उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन संक्रमण होने के बाद सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।

अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सुगतकुमारी की हालत नाजुक थी और उसमें कोई परिवर्तन नहीं हो रहा था इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

कोविड-19 के प्रभाव से उन्हें निमोनिया भी हो गया था और उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके कारण पूर्वाह्न 11 बजे उनका निधन हो गया।

वर्तमान समय की सबसे लोकप्रिय मलयाली कवयित्री, सुगतकुमारी को उनकी विशिष्ट काव्यशैली के लिए जाना जाता था जिनमें करुणा, मानवीय संवेदना और दार्शनिक भाव का समावेश था।

उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था।

सुगतकुमारी ने वंचित, पीड़ित, गरीब, शोषित, नशे की आदी और घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के लिए तीस साल तक ‘अभया’ नामक संगठन चलाया।

सुगतकुमारी का जन्म 22 जनवरी 1934 को हुआ था और वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बोधेश्वरन और कार्तियायिनी अम्मा की दूसरी बेटी थीं।

वह केरल राज्य महिला आयोग की पहली अध्यक्ष थीं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया था।

इसके अलावा उन्हें 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

सुगतकुमारी का विवाह लेखक के. वेलयुधन के साथ हुआ था।

भाषा यश नरेश

नरेश