गणतंत्र दिवस पर अराजकता संबंधी जांच के सिलसिले में पुलिस दीप सिद्धू को लाल किला लेकर गई

गणतंत्र दिवस पर अराजकता संबंधी जांच के सिलसिले में पुलिस दीप सिद्धू को लाल किला लेकर गई

गणतंत्र दिवस पर अराजकता संबंधी जांच के सिलसिले में पुलिस दीप सिद्धू को लाल किला लेकर गई
Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 pm IST
Published Date: February 13, 2021 10:31 am IST

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा, गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए हिंसा एवं अराजकता संबंधी घटनाक्रम की जांच के सिलसिले में अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू और एक अन्य आरोपी इकबाल सिंह को, लाल किला लेकर गई।

पुलिस के अनुसार, 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा और अराजकता के पीछे मुख्य रूप से सिद्धू का हाथ था। उसे दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के दल ने सोमवार की रात को हरियाणा में करनाल बाइपास के पास से गिरफ्तार किया था।

सिद्धू को शहर की एक अदालत ने मंगलवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिद्धू और मामले में गिरफ्तार एक अन्य आरोपी इकबाल सिंह को अपराध शाखा की टीम लाल किला लेकर गई, ताकि गणतंत्र दिवस पर वहां हुई हिंसा और अराजकता संबंधी घटनाक्रम को समझा जा सके।

अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा की टीम घटनास्थल की जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रदर्शनकारी किस मार्ग से वहां पहुंचे और लाल किले पर क्या घटनाक्रम हुआ था।

इकबाल सिंह की गिरफ्तारी पर 50,000 रुपए का इनाम घोषित था। उसे मंगलवार की रात को पंजाब के होशियारपुर से गिरफ्तार किया गया था।

दिल्ली पुलिस ने सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह और गुरजंत सिंह के बारे में सूचना देने वालों को भी एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी जिन्होंने लाल किले पर झंडे फहराए या उस कृत्य में संलिप्त थे।

प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर भड़काने के लिए बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, जजबीर सिंह और इकबाल सिंह पर 50,000- 50,000 रुपए नकद इनाम की घोषणा की गई। इनमें से सिद्धू, इकबाल सिंह और सुखदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस ने कहा कि अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं।

केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई थी और प्रदर्शनकारियों ने लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराया था।

हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारही की मौत हो गई थी।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा


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