जोजरी नदी में प्रदूषण: न्यायालय ने कहा, लंबित अपील पर स्वत: संज्ञान मामले के साथ होगी सुनवाई
जोजरी नदी में प्रदूषण: न्यायालय ने कहा, लंबित अपील पर स्वत: संज्ञान मामले के साथ होगी सुनवाई
नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राजस्थान में जोजरी नदी में प्रदूषण से संबंधित मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ लंबित अपील की सुनवाई नदी के प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान मामले के साथ होगी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने ‘राजस्थान की जोजरी नदी में प्रदूषण से 20 लाख लोगों की जान जोखिम में’ शीर्षक से स्वत: संज्ञान मामले में यह आदेश पारित किया।
पीठ ने बृहस्पतिवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘स्वतः संज्ञान ली गई याचिका और लंबित अपील में मुद्दों पर विचार करने के बाद, न्याय के हित में यह निर्देश देना प्रासंगिक होगा कि इन्हें सम्मिलित कर सुनवाई की जाए।’
पीठ ने उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह इन सभी अपील की सुनवाई स्वतः संज्ञान मामले के साथ करने को लेकर निर्देश के संबंध में प्रधान न्यायाधीश के समक्ष कागजात प्रस्तुत करे।
शीर्ष अदालत ने नदी में औद्योगिक अपशिष्ट छोड़े जाने का 16 सितंबर को स्वतः संज्ञान लिया था और कहा था कि इससे सैकड़ों गांव प्रभावित हो रहे हैं।
अपने आदेश में, पीठ ने कहा कि उसने उपलब्ध कराए गए तथ्यों पर समग्र रूप और उसी मुद्दे के संबंध में पारित किए गए आदेशों पर गौर किया है।
पीठ ने कहा कि इसी पर्यावरणीय मुद्दे पर राजस्थान उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गईं और अंततः ये याचिकाएं एनजीटी को स्थानांतरित कर दी गईं।
पीठ ने कहा कि जोजरी नदी में प्रदूषण के संबंध में एनजीटी के समक्ष एक अलग अर्जी भी दायर की गई थी।
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम देख सकते हैं कि संबंधित क्षेत्र की स्थलाकृति के अनुसार, इस पर्यावरणीय आपदा में तीन नदियां शामिल हैं।’
पीठ ने कहा कि लूनी नदी अजमेर में अरावली पर्वतमाला से निकलती है और पाली, जोधपुर, बाड़मेर जिलों से होकर बहती है और फिर कच्छ के रण में विलीन हो जाती है।
पीठ ने कहा कि बांडी नदी लूनी नदी की सहायक नदी है और पाली, जोधपुर और बाड़मेर जिलों से होकर अंततः लूनी नदी में मिल जाती है। पीठ ने कहा कि जोजरी नदी जोधपुर जिले में बहती है।
पीठ ने यह भी उल्लेख किया कि एनजीटी ने जोधपुर में कपड़ा और इस्पात उद्योगों तथा जोधपुर जिले से सटे बालोतरा और पाली जिलों के कपड़ा उद्योगों द्वारा उत्पन्न औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास में एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया था।
शीर्ष अदालत ने 16 सितंबर को कहा, ‘यह अदालत राजस्थान की मरुधरा जोजरी नदी के संबंध में स्वत: संज्ञान ले रही है, जहां मुख्य रूप से कपड़ा और टाइल कारखानों से निकलने वाला बहुत सारा औद्योगिक अपशिष्ट बहाया जा रहा है, जिससे सैकड़ों गांवों और पशुओं तथा मनुष्यों दोनों के लिए पानी पीने योग्य नहीं रह गया है।’
भाषा आशीष माधव
माधव

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