उच्च न्यायालयों में निहित शक्तियों का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए: उच्चतम न्यायालय

उच्च न्यायालयों में निहित शक्तियों का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए: उच्चतम न्यायालय

  •  
  • Publish Date - January 30, 2023 / 09:13 PM IST,
    Updated On - January 30, 2023 / 09:13 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत उच्च न्यायालयों में निहित शक्तियों का इस्तेमाल सावधानी, सतर्कता और संयम के साथ करना चाहिए।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने एक प्राथमिकी को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), धारा 406 (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), धारा 420 (धोखधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत महिला और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हुए इसे दरकिनार कर दिया।

शीर्ष अदालत कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें एक स्कूल के प्रबंधन के संबंध में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त करने से इनकार कर दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने अपने पूर्व के निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि धारा 482 को यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया है कि आपराधिक कार्यवाही को उत्पीड़न का हथियार बनाने की अनुमति नहीं मिले।

भाषा संतोष माधव

माधव