प्रधान: हताश लोगों में देश की ‘भारत’ के तौर पर पहचान को लेकर विवाद पैदा करने की होड़
प्रधान: हताश लोगों में देश की ‘भारत’ के तौर पर पहचान को लेकर विवाद पैदा करने की होड़
अहमदाबाद, 26 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ “हताश लोग” देश की पहचान “भारत” के तौर पर स्थापित करने को लेकर विवाद पैदा करने के लिए एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
वह गुजरात के नर्मदा जिले में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास तंबुओं के शहर में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन पर पश्चिमी क्षेत्र के कुलपतियों के सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र में गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित कर रहे थे।
प्रधान ने कहा, “हमारे देश को ‘इंडिया’ कहा जाए या ‘भारत’, इस पर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है। लेकिन फर्क क्या है? मेरा मानना है कि इंडिया और भारत में कोई अंतर नहीं है। भारत हमारे देश का नाम है।”
उन्होंने कहा कि इंडिया नाम उन लोगों द्वारा दिया गया था जो औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजी साहित्य पढ़ते थे।
प्रधान ने कहा, “हमारे संविधान में इंडिया और भारत दोनों को समान महत्व दिया गया है। और भारत एक भारतीय नाम है, एक मूल नाम है। यह हमारी सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन, कुछ हताश लोगों के मन में इसे लेकर विवाद खड़ा करने की होड़ चल रही है।”
उनकी यह टिप्पणी कई विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में “इंडिया” के स्थान पर “भारत” करने की एनसीईआरटी की समिति की सिफारिश का विरोध करने के एक दिन बाद आई है। विरोध करने वालों का आरोप है कि सत्तारूढ़ भाजपा इतिहास बदलना चाहती है और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के हाथों अपनी हार के डर से ऐसे “हताश कदम” उठा रही है।
विपक्षी गठबंधन द्वारा संप्रग से अपना नाम बदलकर ‘इंडिया’ करने के बाद भाजपा सरकार पर ‘भारत’ नाम को अधिक महत्व देने का आरोप लग रहा है।
भाषा
प्रशांत पवनेश
पवनेश

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